सतर्कता जरुरि है , ताकि भटक न जाये आपका बच्चा ,
माँ - बाप आज के बच्चो को कैरिएर बनाने के लिए दुसरे शहर में भेज देते रहे है. मगर कई बार इस पढाई के नाम पर मिली इस आजादी का नाजायज फायेदा उठा लेते है ,, जो उसे भटकाव में ले जाते है.
माता पिता बच्चो को अच्छी सिक्षा के लिए घर से दूर भेजते है, उनकी पढाई का कोई कसार नहीं चोर्ते ,लेकिन कहा चुक जाते है कि बच्चे भटक जाते है? युवाओ के दिल और दिमाग में बस गया है , आधुनिकता का मतलब आजादी .वे खुले आस्मां में उरना चाहते है .उनके दिमाग में बस एक हि बात रहती है- हां मै आजाद हु, उनकी जीवनशैली बदल चुकी है. वे लग्जीरियस लाइफ के आदि होते जा रहे है .टेलीविज़न ,फिल्मे दुनिया , पेज 3 , राईस कि दुनिया में बनते बिग्रते आयाम को रोल मॉडल मान लेते है . छलावे में छलनी होति उनकी ज़िन्दगी कि तरफ ध्यान नहीं जाता है . भोतुक्बाद में बदता बिस्वास और किसी भी कीमत पर आपना स्वार्थ को पूरा करने के लिए छह चरम सीमा पर होति है., आगे तो बढ़ना है , मगर उनका PATEINCE ख़त्म होते जा रहा है.लिव इन रिलेशन शिप को फैशन कि तरह अपनाते जा रहे है जो कि चिंता का विषय है .फ्रेंडशिप गजेट लव में भावनात्मक संबंधो से कटते जा रहे है. यह उम्र हि ऐसी होति है कि , कि माता पिता कि पकर ढीली हुयी नहीं कि च्चे भटक कर दूसरी लाइन पर चली जाती है , पढाई कैरिएर सब खत्म कर लेते है ,
और हाँथ आती है तो सिर्फ हताश . जब कोई अनहोनी हो जाती है तो ,बस पछतावे कि सिवा कुछ हाँथ नही आता है .,कम उम्र में नशे कि लत ,टीनएज प्रेग्नेंसी, कोई गंभीर अपराध जैस्सी बाते सामने आती है.
युवा होते बछो को चाहिए कि माँ बाप कि बात को जनरेशन गैप कह कर मजाक न उराये , अन्यथा भविष्य में उनके लिए भरी पर सकता है . अगर युवा खुद को गुड लुकिंग , स्मार्ट , डैसिंग समझते है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है , हा लेकिन इसे बनाये रखने के लिय व्यवहारिक ता को भी नजर अंदाज नहीं करे , .. उनके साथ माता -पिता हर मुद्दे पर खुल कर बात करे |, या चर्चा करे
SOME IMPROTANT LANGUAGE
- घर से दूर बच्चो पर बराबर नजर बांये रखे
- उनसे हमेशा सम्पर्क में रहे
- किशोरों को गलतिय के लिए डटने के बजाये , बताये कि उनसे इस उम्र में क्या क्या , गलतिय कि और उनसे क्या सिखा
- आपने युवा होते बच्चो को अहसास दिलाये कि आप उसके एक अछे दोस्त भी है.
- आप उनके सिर्फ माँ बाप हि नहीं , आप उसके अछे दोस्त भी है .,तब ओ खुल कर ओ आपसे किसी भी बीसी पर बात कर सकते है .
- इससे न सिर्फ जनरेशन गैप कम कर सकते है , बल्कि उन्हें सही औरे गलत में फर्क से परिचित करा सकते है.,.
- बछो कि गलतिय पर तुरंत पर्तिक्रिया न करे , PATIENCE बनाये रखे , उन्हें बताये कि गलतिय सभि से होति है, बस उसे सुधार जा सकता है.
- सेक्स , प्रेम जैसे संबंधो पर उनके मन में कोई गलत धारणा न बनने दे.
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बिलीव में लेकर समझाए
माता पिता कि आपनी दलीले होति है , कि उनके युवा होते उनके बच्चे उनकी बात नहीं मानते है ,वैसे भी अब वह समय भी न रहा कि माता पिता उनके सारा दिन उन्हें उपदेश देते रहे , या हमेशा उनके कर्तव् का अहसास दिलाये , पर जरुरत है ,खामोश रह कर भी , गौर करने कि , कि ओ किस तरह कि एक्टिविटी में है , कैसे दोस्तों कि सांगत में है , आपना समय कहा बिता रहे है . आज के बच्चे आपना निर्णय स्वांग लेना पसंद करते है. इसके लिए उन्हें दाते ,या रोके टोके नहीं ., उन्हें आपनी दुनिया बनाने दे , हां लेकिन अप्रक्त्क्ष रूप से व् उनकी सुरक्षा पर पूरा ध्यान दे . अगर वो किसी पार्टी में जाना चाहे तो उसे रोकने के बजे उसे आपनी रक्षा का टिप्स दे कि उसे हंसी मजाक में कोई नशा पिला कर उनके साथ कोई गलती न कर दे अगर आप उन पे अंकुश लगते है ,तो ओ आप से झूठ भी बोल सकते है . अगर आपने बिश्वाश में लेकर अहितिअत बरतने के लिए बताएँगे , तो उनमे समझ अवम जिमेदारी आएँगी .
note ;;- गौरव पढने में बहुत अच्छा अवम शांत स्वाभाव का था. सहर में कोचिंग करने आया उसका सांगत ऐसे लड़के लड़की से हो गयी जो आजाद पंछी कि तरह उरना चाहते थे . गौरव को लगा कि वह भी युवा हि तो है. जिंदगी आपनी मार्गी से जी सकते है . फिर क्या तरह कि न कोई रोकने वाला , न कोई टोकने वाला , देर रात दोस्तों के साथ पार्टी , और मूवी - मस्ती उसका ज़िन्दगी बन गयी , वह कब पढाई से दूर होते चला गे उसे पत हि न चला . घर से फ़ोन आता तो वह झूठ बोल देता . झटका गौरव को तब लगा कि उसका प्रेमी उसे चोर कर किसी और से प्यार करने लगा लडकिय मजक उराने लगे , काफी देर हो चुकी थी परीक्षा में भी असफल मिला , कोई रास्ता नहीं बचा , यह कहानी सिर्फ गौरव कि हि नहीं , ऐसे बहुतो लडकिय लड़के , ऐसे चका चौध में फास कर आपनी ज़िन्दगी को बिगर लेते है.
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