मंद बुद्धि से महानता तक : तीन वैज्ञानिकों का प्रेरणादायी जीवन
अपनी intelligence से दुनिया को अनूठे तोहफे देने वाले कुछ महान लोग अजीब आदतों के शिकार थे और उन्हें दुनिया भी फिसड्डी ही मानती थी . शुरू में लोगों ने उन्हें ताने दिए और उन्हें सनकी ,पागल और नाकारा समझा . लेकिन जब इन लोगो ने अपनी काबिलियत का परिचय दिया तो दुनिया में परिवर्तन आ गया . आइये हम ऐसे ही कुछ महान वैज्ञानिकों के जीवन के कुछ रोचक व प्रेरणादायक तथ्य जानते हैं :
Sir Isaac Newton / सर आइज़क न्यूटन (25 December 1642 – 20 March 1727)
दुनिया को गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत देने वाले Sir Issac Newton शुरुआती दिनों में ठीक प्रकार से बोल भी नहीं पाते थे . वे स्वभाव से काफी गुस्सैल थे और लोगों से कम ही वास्ता रखते थे . उनके इसी व्यव्हार के कारण उनके मित्र भी न के बराबर थे . newton अपने विचार भी सही ढंग से व्यक्त नहीं कर पाते थे ,वह अपने उपलब्धियों या खोज को बताने में संकोच करते कि कहीं वह हंसी के पात्र न बन जाएं . शुरुआती दिनों में Newton कई प्रकार के प्रयोग करते रहते थे .Newton के व्यव्हार के कारण उन्हें सनकी और पागल समझा गया पर लोगों की परवाह किये बगैर वे अपने शोध में लगे रहे और अंततः एक महान वैज्ञानिक बनकर उभरे और एक genius के रूप में विख्यात हुए।
Thomas Alva Edison / थॉमस अल्वा एडिसन (February 11, 1847 – October 18, 1931)
आज आपके कमरे में जो bulb रौशनी करता है ,उसका आविष्कार Thomas Alva Edison ने किया था . विद्युत् बल्ब के जनक के नाम से मशहूर Edison को शुरू में फिस्सड्डी और मंद बुद्धि बालक समझा जाता था ,लेकिन निरंतर परिश्रम के बल पर एक दिन उन्होंने अपने अविष्कार से सारी दुनिया प्रकाशमय कर दी .Edison ने सिर्फ बल्ब ही नहीं ,बल्कि सैकड़ों अन्य अविष्कार भी दुनिया को दिए। वे अधिकांश समय अपनी प्रयोगशाला में बिताते थे . अविष्कारों को लेकर उनके जूनून को देखकर लोग उन्हें सनकी और पागल तक समझने लगे थे। बचपन में भी वे अजीब हरकतो के लिए जेन जाते थे . कहा जाता है कि एक बार चिड़ियों को कीड़े खाते देख उन्होंने यह सोचा कि उड़ने के लिए कीड़े खाना शायद जरुरी है . बस ,कुछ कीड़े इकट्ठे कर उसका घोल बनाकर उसे अपने दोस्त को पिलाने कि कोशिश की . वे देखना चाहते थे कि उनका दोस्त इसके बाद उड़ने लगेगा या नहीं . जाहिर है कि उन्हें सबने खूब डांटा और उनपर पाबंदिया भी लगाई गई . पर उनकी इसी जिज्ञासु प्रवित्ति ने दुनिया बदल दी . (थॉमस ए. एडीसन के अनमोल विचार)
Albert Einstein /अल्बर्ट आइंस्टीन (14 March 1879 – 18 April 1955)
महान वैज्ञानिकों में Albert Einstein का नाम सबसे पहले रखा जाता है . 1879 में जन्मे Albert Einstein तीन साल तक डिस्लेक्सिया से पीड़ित थे और बोल भी नहीं पाते थे . तेरह साल कि उम्र तक वह अपने जूतो के फीते बांधना भी नहीं सीख पाये थे . Einstein शुरू में न तो गुणा -भाग कर पाते थे और न ही शब्दों को सही तरह से लिख पाते थे . उनके शिक्षक हमेशा उनके बारे में नकारात्मक टिपण्णी करते थे .Einstein general relativity का सिद्धांत प्रतिपादित कर इतिहास में अमर हो गए . उनके इस सिद्धांत से विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति आ गयी। अपनी इस उपलब्धि के लिए वह आधुनिक भौतिकी के जनक कहलाये .Einstein को विज्ञान में अद्भुत योगदान ,खासकर law of photoelectric effect कि खोज के लिए 1921 में Nobel पुरस्कार से सम्मानित किया गया . (अल्बर्ट आइंस्टीन के अनमोल विचार)
Friends, इन माहन वैज्ञानिकों का जीवन दर्शाता है कि कमजोर शुरुआत और दुनिया भर के विरोध के बावजूद धुन का पक्का व्यक्ति कुछ भी कर गुजर सकता है। हमें भी इनसे सीख लेते हुए सामने आने वाली मुश्किलों से घबराये बिना निरंतर अपने लक्ष्य की और बढ़ते रहना चाहिए और एक दिन अपने सपनो को साकार करना चाहिए।
Vishal Rochlani
Amravati
Vishal is doing B.Com from Kesharbai Lahoti
Mahavidyalaya, Amravati
Mahavidyalaya, Amravati
We are grateful to Vishal for sharing these interesting and inspiring facts about world’s great scientists in Hindi. Thanks Vishal.
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