आपके दोस्त नहीं चाहते कि आप सफल हो ....
your friend does not want you to be successsful.
आपके/ तुम्हारे दोस्त नहीं चाहते कि आप/ तुम सफल हो .
बुरा मत मानना यदि मै कहू कि तुम्हारे दोस्त नहीं चाहते कि आप सफल हो , दोस्त आपका दोस्त क्या मेरा भी दोस्त यही चाहता है कि मेरा दोस्त सफल न हो .
तुम्हारे दोस्त नहीं चाहते कि तुम नाकामयाबी कि बंदिश तोर के आजाद हो सको . वे तुम्हे बस असफल होते हि देखना चाहता है.
आपके दोस्त को तकलीफ जब नहीं होति है, कि जब आप असफल हो रहे है . आपके दोस्त को तकलीफ जब होति है जब आप सफल हो रहे है .. आपके दोस्त कभी नहीं चाहते कि आप सफल हो .
ये जरुरि नहीं कि वे दिल से हि ऐसा चाहता हो , हां लेकिन उसके अवचेतन मन में ये छह डाबी हो सकती हो . दोस्त एक बात ये भी , कि
ध्यान दो , मैंने ये बात तुम्हारे ज्यादातर दोस्तों के बारे में कही है , सारे दोस्तों के बारे में नहीं .
तुम ऐसे भी लोगो को जानते होंगे , ऐसे लोग जो हमेशा आपने काम से या आपनी नौकरी से नाराज रहते है , fully टाइम पूरी टाइम शिकायते करते रहते है . मै ऐसे हि दोस्तों के बारे में बात कर रहा हु.
क्या पत तुम्हारे सरे दोस्त ऐसे हि हो , कुछ नहीं भी हो सकता है . ये तुम्हे बेह्तर पत होगा .
फर्ज करो कि तुम आपनी रह पर चलते हुए मेहनत करते हुए एक दिन वह सब पा लेते है हो जिसकी तुमने कभी कल्पना [imagine] कि थी . ऐसे में तुम्हारे दोस्तों के मन को कही - न - कही चोट जरुर पहुचेगी
क्यूंकि उनके सपने , उनकी चाहत , उनकी उम्मीदे भी वाही सब था , वे भी उसी जगह पहुचना चाहते थे , जहा तुम पहुचे हो या पहुच सके हो. तुम्हारा सफल होना उन सब को गलत साबित कर देगा , उनकी सिकायतो को नाकाम कर देगा . तुम्हारे सफल होने पर वे जान जायेंगे कि कही कुछ था जिसे वो नजर अंदाज कर बैठे, समझ नहीं पाए .
यही वजह है कि तुम्हारे दोस्त तुम्हे फेल होते देखना चाहते है .यही वज़ह है कि तुम्हारे दोस्त तुम्हें फेल होते देखना चाहते हैं. वे इसे जानते हों या नहीं जानते हों, वे इसे ज़ाहिर करें या चुप रहें, ये बात उनके चेतन मन में हो या अवचेतन मन में हो – यह सब मायने नहीं रखता. यह महत्वपूर्ण नहीं है. वे यही चाहेंगे कि तुम उनकी शख्सियत का, उनके ही ग्रुप का एक हिस्सा बने रहो.
जब वे तुमसे बेहतर स्थिति में होते हैं तब तक सब ठीक चल रहा होता है. जब तक तुम्हारे नंबर उनके जितने ही आ रहे होते हैं जब तक ठीक चल रहा होता है. जब तक तुम और वे एक साथ फेल हो रहे होते हैं तब तक सब ठीक चल रहा होता है.
हर व्यक्ति चाहे-अनचाहे अपनी जीवनशैली का गुलाम बन जाता है और उसे सुरक्षित रखना चाहता है. जब वह दूसरों को लीक से अलग हटकर चलते या ज्यादा फ़्रीडम पाते देखता है तो विचलित हो जाता है. हर व्यक्ति ऐसा करता है. मैं भी कोई अपवाद नहीं हूं.
अगली दफ़ा जब तुम्हें अपने दोस्तों के सपोर्ट की ज़रूरत महसूस हो या जब तुम्हें अपने दोस्तों से कोई सपोर्ट नहीं मिल पा रहा हो तो इस बात को याद करना कि… तुम्हारे ज्यादातर दोस्त नहीं चाहते कि तुम सफल हो.
ये बात तुम्हें चाहे मजाकिया लगे या बेहूदा या विसंगतिपूर्ण लगे लेकिन इसमें बहुत हद तक सच्चाई है. हालांकि जो दोस्त काबिल होते हुए भी वक्त-ज़रूरत पर तुम्हारा साथ न दे वह सच्चा दोस्त कहलाने का हकदार नहीं होता. उसे तुम स्वार्थी भी कह सकते हो पर क्या हम सब स्वार्थी नहीं हैं? हम अपने दोस्तों से हमेशा ही यह उम्मीद करते हैं कि वे हर घड़ी हमारे प्रति समर्पित रहें पर क्या हम ऐसा करते हैं? करते भी हैं तो किस सीमा तक करते हैं? हर चीज़ की एक लिमिट होती है.
मैं अपनी बात कहूं तो ये बहुत अजीब पर्सपेक्टिव है. मेरे कुछ दोस्त हैं जो मुझे कामयाब होते देखना चाहते हैं लेकिन उनकी शर्तों, उम्मीदों और सामाजिक दायरे के भीतर. मैं उनकी लाइफ़स्टाइल को फ़ॉलो करूं तो वह सब शायद कभी हासिल न कर सकूं जो मैं पाना चाहता हूं.
मेरी बात का बुरा मत मानना. अंग्रेजी में एक बात कही जाती है “it’s lonely at the top”, मतलब शिखर पर व्यक्ति अकेला रह जाता है. सफल व्यक्ति के साथ भी यही बात है. न केवल शिखर पर बल्कि तयशुदा रास्ते के सिवाय हर जगह व्यक्ति खुद को अकेला ही पाता है. क्या तुम उस अकेलेपन के लिए तैयार नहीं होना चाहोगे?
दोस्तों यही रियलिटी है
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