Wednesday, 23 November 2016

गरीब छात्रों को IIT तक पहुँचाने वाले Super 30 फाउंडर आनंद कुमार की दास्तान

गरीब छात्रों को IIT तक पहुँचाने वाले Super 30 फाउंडर आनंद कुमार की दास्तान

आप में से ज्यादातर लोगों ने life में कभी न कभी कोई coaching classes ज़रूर attend की होगी। और कुछ ने IIT और अन्य engineering colleges के लिए भी तैयारी की होगी। आप लकी थे कि आपके parents coaching की भारी भरकम fees afford कर पाए, लेकिन भारत में ऐसे करोड़ों बच्चे हैं जिनके माता-पिता अपने बच्चों को कोचिंग में नहीं भेज पाते। और ऐसे ही कुछ प्रतिभाशाली बच्चों के लिए बिहार का एक शख्श अँधेरे में रौशनी की किरण का काम करता है।
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं Super 30 के संस्थापक आनन्द कुमार जी के बारे में जो बिना एक पैसे शुल्क लिए गरीब प्रतिभाशाली बच्चों का IIT जाने का सपना साकार करते हैं। आइये जानते हैं उनकी कहानी।
Anand Kumar Super 30 Success Story in Hindi आनंद कुमार सुपर 30

Super 30 के founder आनन्द कुमार जी की सक्सेस स्टोरी

Supr 30 Founder Anand Kumar Biography in Hindi

क्या है Super 30?

Super 30 आनंद जी का स्टार्ट किया हुआ एक प्रोग्राम है जिसके अंतर्गत वे हर साल पूरे बिहार* से ३० ऐसे बच्चों को चुनते हैं जो प्रतिभाशाली हैं पर साथ ही इतने गरीब हैं कि उनके माता-पिता उनको ठीक से पढ़ा-लिखा नहीं सकते। आनंद जी एक परीक्षा के माध्यम से ऐसे बच्चों का चयन कर अपने साथ रखते हैं और उनकी पढाई-लिखाई से लेकर खाना-पीना रहना…हर एक चीज का खर्च खुद उठाते हैं।
इस काम में उन्हें अपने छोटे भाई Pranav और अपनी माँ जयंती देवी, जो बच्चों के लिए खाना बनाती हैं, से मदद मिलती है। गणित विषय आनंद जी खुद ही पढ़ाते हैं जबकि फिजिक्स और केमिस्ट्री पढ़ाने के लिए उन्हें पुराने छात्रों से मदद मिल जाती है।
पटना में 2002 में शुरू हुए इस प्रोग्राम के अंतर्गत हर साल 28-30 बच्चे IIT में चयनित होते हैं। IIT में प्रवेश पाना कितना कठिन है ये हम सब जानते हैं बावजूद इसके हर साल लगभग 100% रिजल्ट देना सचमुच किसी चमत्कार से कम नहीं है और अब तो पूरी दुनिया भी इस चमत्कार को  acknowledge करती है।
Time Magazine ने आनंद कुमार जी की Super 30 classes को Asia के best school की list में शामिल किया है और Discovery channel भी उनके इस unique initiative पर documentary बना चुकी है।
*अब वे अन्य राज्यों से भी बच्चों को लेने लगे हैं और साथ ही उनकी 30 से अधिक छात्रों को लेने की मंशा है।

आनंद कुमार का छात्र जीवन और संघर्ष 

Super 30 के संस्थापक आनंद कुमार जी का बचपन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा । इनका जन्म 1 January 1973 को पटना में हुआ था। इनके पिता डाक विभाग में क्लर्क थे । पिता की तनख्वाह में घर का खर्च किसी तरह से तो चल जा रहा था लेकिन इतनी income नहीं थी कि आनन्द का एडमिशन किसी अच्छे स्कूल में करा सके ।
इनकी स्कूली शिक्षा की शुरुआत सरकारी स्कूल से हुई । Talent के धनी आनन्द जी का मनपसन्द subject Math था । लेकिन इनका talent आर्थिक तंगी के बोझ तले दब जा रहा था । पिताजी की मृत्यु के बाद घर चलाने के लिए माताजी पापड़ बनाती और आनंद साइकल पर सवार हो झोले में पापड़ रख जगह-जगह पहुंचाने और बेचने का काम करने लगे। कई बार जब पापड़ नहीं बिकते तो परिवार के पास खाने के भी पैसे नहीं हो पाते और सभी को भूखे पेट सोना पड़ता।
जब एक बार उनसे “गरीबी” के बारे में बताने के लिए कहा गया तो वे बोले-
गरीबी कोई बताने की चीज नहीं है ये महसूस करने की चीज है…अगर गरीबी को महसूस करना है तो एक-दो दिन भूखे रह कर देखो….
आनंद चाहते तो पिताजी की मृत्यु के बाद उनकी जगह पर उन्हें सरकारी नौकरी मिल सकती थी…पर बचपन से ही Maths teacher बनने का सपना देखने वाले आनंद ने सोचा कि अगर वे इस चक्कर में पड़े तो कभी भी उनका सपना पूरा नहीं हो पायेगा और उन्होंने नौकरी नहीं की।
आनंद जी अपने रास्ते में आये काटे को भी काटा नहीं फूल समझे और उनकी यही विशेषता उनका संबल बनता गया । अपने इसी संबल की वजह से 1994 में इन्हें Cambridge University में जाने का मौका मिला पर गरीबी के कारण उनका ये सपना टूट गया।
इसके बावजूद आनन्द जी ने हार नहीं मानी, वे दिन के समय Mathematics पर काम करते थे और शाम के समय अपनी माँ के पापड़ बेचने के व्यवसाय में मदद करते थे । इसके अलावा अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए Tuition भी पढ़ाते थे । उस समय Patna University में Maths के foreign journals उपलब्ध नहीं थे इसलिए आनन्द जी सप्ताह के अंत में 6 घंटे का ट्रेन द्वारा सफर करके वाराणसी जाते थे और BHU की Central Library में Maths के foreign journals पढ़ते थे और सोमवार सुबह पटना लौट जाते थे ।

पढ़ाने की शुरुआत

1992 में आनन्द जी Mathematics की कोचिंग शुरू की और अपने institute का नाम रखा Ramanujan School of Mathematics. उनके पढ़ाने का style और विषय पर पकड़ इतनी अच्छी थी कि कुछ ही समय के अंदर उनकी ख्याति दूर दूर तक फ़ैल गयी। कुछ छात्रों से शुरू हुई coaching बढ़ते बढ़ते 500 छात्रों तक पहुँच गयी।

Super 30 की शुरुआत और उसके पीछे की प्रेरणा

आनंद जी स्वयं एक प्रतिभाशाली छात्र थे औ इसी के बल पर उनका चयन दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित Universities में से एक Cambridge University में हो गया था। पर गरीबी के कारण वे खुद वहां जाने का खर्च नहीं उठा सकते थे और समाज से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली…बचपन से गरीबी का दर्द झेल रहे आनंद ने मन ही मन फैसला किया कि वे ऐसे ज़रुरत मंद बच्चों के लिए ज़रूर कुछ करेंगे। और आगे चल कर जब आनंद जी ” Ramanujan School of Mathematics” नाम से एक ट्यूशन सेंटर चला रहे थे तब एक दिन बिहार शरीफ का एक छात्र उनके पास आया और बोला कि,” मेरे पास पैसे नहीं हैं क्या मैं आपसे पढ़ सकता हूँ…मैं बाद में जब बाउजी खेत से आलू उखाड़ेंगे तब पैसे दे दूंगा….”
बच्चे की ये बात आनंद जी के दिल को छू गयी और उसी पल उन्होंने Super 30 की शुरुआत करने का फैसला किया।
 आनन्द जी का मानना है कि-
पढाई – लिखाई का लाभ हम अकेले ही उठाते रहे और दूसरों का उससे कुछ भला न हो तो ऐसी पढाई – लिखाई किस काम की । शिक्षा की उपयोगिता तभी है जब उसका अधिक से अधिक लाभ दूसरों को मिले ।

कैसे उठाते हैं बच्चों के रहने, खाने-पीने इत्यादि का खर्च?

आनंद और उनकी टीम कभी भी Super 30 के लिए कोई donation नहीं लेती बल्कि वे normal tuition classes से होने वाली कमाई को ही इन ज़रुरतमंद बच्चों की आवश्यकताएं पूरी करने में लगाती है।

Free कोचिंग का विरोध!

शायद आप सोचें कि भला कोई इसका विरोध क्यों करेगा….लेकिन आनंद कुमार जी जहाँ एक तरफ फ्री में बच्चों को IIT में प्रवेश दिला रहे थे वहीँ महंगी-महंगी कोचिंग वाले इतने पैसे लेकर भी अच्छा रिजल्ट नहीं दे पा रहे थे। इसलिए पहले आनंद जी को ये सब बंद करने की धमकी मिली और नहीं मानने पर उन पर जानलेवा हमला भी हुआ। पर फिर भी वो वही करते रहे जो वो करना चाहते थे, सचमुच उनके जज्बे और हिम्मत की दाद देनी होगी।

इस कामयाबी का श्रेय किसे देते हैं?

सभी को..पूरी टीम को…खासतौर से इन बच्चों को जो रोज 16-16 घंटे पढाई करते हैं।

Bollywood से सम्बन्ध

Anand Kumar Super 30 Success Story in Hindi आनंद कुमार सुपर 30
Mr. Anand with Mr. Bachchan
Prakash Jha आनंद जी के जीवन पर एक फिल्म बनाना चाहते थे लेकिन लक्ष्य सी भटकने के डर से आनंद जी ने ऐसे किसी प्रोजेक्ट के लिए मना कर दिया। हालांकि, उन्होंने “आरक्षण” फिल्म में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को उनका रोल तैयार करने में मदद की थी।

सरकार से अपील

IITJEE प्रवेश परीक्षा का लेवल बहुत कठिन होता है जिसके लिए कई बार कोचिंग जाना मजबूरी बन जाती है और गरीब छात्र यहाँ मात खा जाते हैं। इसलिए इस परीक्षा का level क्लास 12th के हिसाब से होना चाहिए और स्टूडेंट्स को कम से कम ३ मौके मिलने चाहिए.

जीवन का लक्ष्य

कभी किसी पढने वाले बच्चे की पैसों के चलते पढाई न रुके।

छात्रों और युवाओं के लिए सन्देश

मेहनत करो…निराश मत हो…हमेशा ये सोचो कि लाइफ में अन्धकार आता है…तकलीफें आती हैं…ये part of life है। अँधेरा जितना गहरा होता है…खुश हो कि नयी सुबह उतनी ही करीब है….बस शर्त इतनी है कि “मेहनत करो” मेहनत करोगे तो एक न एक दिन तुम्हारे जीवन में  प्रकाश ज़रूर आएगा।
“बुझी हुई शमा फिर से जल सकती है
भयंकर तूफ़ान से भी कश्ती निकल सकती है
निराश न हो दोस्तों….एक दिन अपनी भी किस्मत बदल सकती है।
अधिक जानकारी के लिए सुपर ३० की साईट देखें या Wikipedia पर उनके बारे में पढ़ें. आप YouTube पे उनका इंटरव्यू भी देख सकते हैं.
Thank You
Babita Singh
Jointly written by Babita Singh from KhayalRakhe.Com & Gopal Mishra
बबीता जी by profession एक टीचर हैं और साथ ही वे एक NGO से जुड़कर  women empowerment के लिए काम करती हैं. अपने ब्लॉग के माध्यम से वे महिलाओं से जुड़ी स्वास्थय समस्याओं के बारे में लोगों को aware करना चाहती हैं।

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Saturday, 12 November 2016

विश्वासघात पर हिंदी कहानी

Hindi Story on Betrayal

विश्वासघात पर हिंदी कहानी

“मॉम .!!… “मैं सोच रही थी! कि आज रात को मैं शिखा के घर पर ही रुक जाऊंगी…थोडी़ कम्बाइन्ड स्टडी करनी है, वो परसों मैथ्स का टेस्ट है ना उसी की तैयारी करनी है”। किताबें समेंटते हुए चारू बोलती जा रही थी!
Hindi Story on Betrayal विश्वासघात हिंदी कहानी“पर बेटा ..रात को ..किसी के घर रुकना मुझे तो ठीक नहीं लगता।”
“मॉम!!”, नाराज होती हुई चारू ने कहा,  “देखो ना पापा मां जाने नहीं दे रहीं।।
पापा माँ पर नाराज़ होते हुए बोले, “अरे रुक जाने दो ना चारू को उसकी सहेली के घर, एक रात की ही तो बात है। अपने बच्चों पर विश्वास करना सीखो!, जाओ बेटा”! जाओ!”
चारू ने पापा को थैंक्स कहा और अपनी स्कूटी से निकल गयी।
रात का एक बजा था, फोन की घनघनाहट सुन कर वर्मा जी घबरा कर उठे, फोन पर आवाज आयी, “मि. वर्मा आप तुरन्त थाना गांधी नगर आने का कष्ट करें।”
यह सुनकर वर्मा जी की सांसें गले में अटक गयीं, डर रहे थे की कहीं कोई अनहोनी ना हुई हो…कहीं बेटी को तो कुछ……. बदहवास थाने पहुंचे,देखा दस-पंद्रह लड़के लड़कियां मुंह छिपाये बैठे थे उनमें अपनी चारू को पहचानने में जरा भी देर नहीं लगी।
“देखिये वर्मा जी!!! ये बच्चे दिल्ली के बाहर एक फार्म हाउस में ड्रग्स के साथ रेव पार्टी करते हुए पकडे़ गये हैं!
आप लोग ना जाने अपने बच्चों को कैसे संस्कार देते हैं….ना जाने इतनी रात गए घर से बाहर निकलने की परमिशन कैसे दे देते हैं आप लोग….शर्म आनी चाहिए!
वर्मा जी शर्म का सिर शर्म से झुका जा रहा था, वो बस एक ही बात सोच रहे थे….जब उन्होंने अपनी बेटी पर इतना विश्वास किया तो आखिर क्यों उनकी बेटी ने उनके साथ विश्वासघात कर दिया!
दोस्तों, इस दुनिया में कोई है जो आपका सबसे अधिक ध्यान रखता है, सबसे अधिक आपका भला चाहता है…. तो वो आपके parents हैं। वो आपको ऊपर से सख्त लग सकते हैं पर उनके भीतर आपके लिए आपार प्रेम होता है और कभी भी आपको उस प्रेम का नाजायज़ फायदा नहीं उठाना चाहिए…कभी भी आपको उनके विश्वास के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए!
sunita-tyagi
धन्यवाद! 
सुनीता त्यागी
पता: जागृतिविहार मेरठ
शिक्षा: परास्नातक
उपलब्धि: राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में लघुकथाओं का प्रकाशन।
We are grateful to Sunita Ji for sharing this Hindi Story on Betrayal ( विश्वासघात पर कहानी ). Thanks Ma’am

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ShopClues Founder Radhika Aggarwal Success Story in Hindi शॉपक्लूज संस्थापक राधिका अग्रवाल के सफलता की कहानी



ShopClues Founder Radhika Aggarwal Success Story in Hindi

शॉपक्लूज संस्थापक राधिका अग्रवाल के सफलता की कहानी 

किसी ने ठीक ही कहा है एक सपना जादू से हकीकत नहीं बन सकता, इसमें पसीना, दृढ संकल्प  और कड़ी मेहनत लगती है।
ज़िन्दगी बहुत छोटी है कुछ कर गुजरने के लिए। उससे भी छोटी वो तब हो जाती है जब इस पुरुषवादी समाज में एक महिला ऊँची उड़ान भरने के सपने देखती है और अगर कोई ऐसा कर जाए तो अक्सर उसे मेहनत या लगन नहीं बल्कि अच्छी किस्मत या फिर किसी चमत्कार का नाम दे दिया जाता है।
लेकिन कहते है ना कि हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है। अगर हम याद रखें कि हमारे अंदर वो ताकत है, धैर्य है, और जज़्बा है कि हम सितारों को छू सकें और इस दुनिया को बदल दें तो कोई भी समाज या कितनी भी छोटी ज़िन्दगी हमे रोक नहीं सकती। और आज मैं आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रही हूँ जिन्होंने अपने दम पर, अपने जज़्बे के बलबूते एक मिसाल कायम कर दी है।
ShopClues Founder Radhika Aggarwal Success Story in Hindi
Radhika Aggarwal
मैं बात कर रही हूँ ShopClues कंपनी की को-फाउंडर और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर राधिका अग्रवाल की। राधिका अपने आप में ही women empowerment और “आज की नारी सब पर भारी” का बहुत बड़ा example हैं।
भारत की सबसे जानी मानी और सफल online shopping websites में से एक Shopclues की शुरुवात इन्होंने 2011 में गुडगाँव में की थी। 10 लोगो से शुरू हुई यह company आज की सबसे सफल e-commerce websites में से एक है। आज ShopClues में 1000 से अधिक employees काम करते हैं और हर महीने यह लगभग 80 करोड़ रुपये का कारोबार करती है। Shopclues की strong foundation की वजह से Venture Capital Funding के अंतर्गत इन्हें $100Mn की फंडिंग भी मिली है।

Radhika Aggarwal का बचपन

राधिका के पिता सेना में थे और माँ एक डायटीशीयन थीं। पिताजी की transferable job होने के कारण राधिका ने भारत के लगभग 10 स्कूलों से पढाई की और बुनियादी जीवन कौशल और सामाजिक कौशल जल्दी सीख लिया। अच्छे शिक्षकों के बीच मध्य मार्ग पर चलने वाली राधिका ने सीख लिया कि किसी भी अवसर का किस तरह से भरपूर फ़ायदा उठाते हैं। उनके  social skills और नए दोस्त बनाने की प्रतिभा ने जल्दी ही उनके व्यक्तित्व को ढाला।
राधिका के पिता ने अपनी सेना की नौकरी पूरी होने के बाद खुद को entrepreneurship की ओर मोड़ा। पिता के बिजनेस में आने से राधिका भी छोटी उम्र में ही बिजनेस सम्बन्धी बातों को समझने लगीं।

शिक्षा व नौकरी

राधिका ने Advertising और Public Relation में पोस्ट ग्रेजुएशन की। साल 1997 और 1999 के बीच उन्होंने अपनी खुद की एक विज्ञापन एजेंसी चलायी। उन्होंने कहा कि-
“समस्या को हल करने के लिए या फिर जिस तरह से हम entrepreneurship को आज देखते हैं, उससे इसका कोई तालुक्क नहीं था। यह बस मेरा खुद का मालिक बनने के लिए उठाया कदम था।”
साल 1999 में वे MBA करने The US चली गयीं । फिर उन्होंने Washington University St. Louis से अपनी MBA की पढाई पूरी की साल 2000 में जल्दी ही वे नामी-गिरामी financial firm Goldman Sachs में शामिल हो गयीं, लेकिन अगले साल ही वे Nordstrom में शामिल हो गयी जो Walmart की तरह ही अमेरिका की एक प्रतिष्ठित departmental stores की चेन है।
Nordstrom में उन्होंने काफी कुछ सीखा। सिर्फ strategic planning ही नहीं बल्कि यह भी सीखा कि कैसे इनवर्टेड पिरामिड संरचना एक संगठन में वास्तव में प्रैक्टिस होती है। Nordstrom में ग्राहक Inverted Pyramid के शीर्ष पर और C.E.O उसके तल पर है।
राधिका ने 2006 तक इस कंपनी में काम किया और इसके बाद खुद Fashion Clues नाम की website शुरू की जिसमें उन्होंने South Asia और The US को target किया। इस कंपनी को उन्होंने अकेले ही संभाला।

Shopclues की शुरुआत

Nordstorm के experience और  Fashion Clues को रन करने से मिली सीख से लैस होकर राधिका ने 2011 में ShopClues की नीव डाली।
राधिका के हिसाब से भारत में ग्राहकों की मानसिकता काफी अलग है जो की अपने आप में एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है।
वो कहती हैं-
ग्राहकों में विश्वास की कमी है, और इसका valid reason भी है।
उनकी कंपनी काफी customer focused रहती है और अपनी buyer protection policy के अंतर्गत वे ग्राहकों को सामान वापस करने की आसन सहूलियत देती हैं, जिससे customer confidence build up होता है।
राधिका कहती हैं-
ग्राहक अनुभव महत्वपूर्ण है, खासकर जब कोई बात बिगड़ जाए।
Shopclues पर पहली बड़ी चुनौती के बारे में याद करते हुए वे बताती हैं कि हमारे पहले वेलेंटाइन डे के लिए हमें फूलों के 200 बुके चाहिए थे। उस दिन उनके वेंडर ने माल उन्हें सप्लाई करने की बजाये खुद ही सारे फूल बेच डाले।
इसे ठीक करने के लिए, हम बाहर गए और फूलों की जगह हमने soft toys और चॉकलेट भेज दिए और साथ ही customers से माफ़ी भी मांग ली।मतलब, बात बिगड़ जाती है लेकिन ऐसे समय में आप कैसी प्रतिक्रिया देते हैं ये मायने रखता है।
राधिका शॉपक्लूज को अपना तीसरा बच्चा मानती है और पूरी लगन से काम करती हैं। पर इसके साथ-साथ ही वे अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बना कर चलती है। वे जहाँ भी होती है उस समय उस चीज़ पर एकदम केंद्रित रहती हैं…office में बस office का काम और घर पे सिर्फ परिवार को समय देना।
उन्होंने महिला कर्मचारियों के बारे में बताया कि Women’s Day के दिन staff की सारी महिलाओं को एकत्रित करती हैं और उन्हें मौका देती हैं कि वे उनकी परेशानी और चुनोतियों के बारे में बात करें।
राधिका को एक बार किसी महिला कर्मचारी ने बताया कि उसके परिवार में वो  पहली महिला थी जिसने जीन्स पहनी और घर से बहार जाकर नौकरी की और उसने Shopclues इसलिए ज्वाइन किया क्योंकि उसकी co – founder एक महिला थी। तो इस तरह से एक महिला की आगे बढ़ने की चाह कितनी और महिलाओं को हौसला दे सकती है, कईओं की ज़िन्दगी बदल सकती है… इसलिए राधिका अपने काम को बहुत गंभीरता से लेती हैं।

ShopClues को लेकर राधिका के लिए क्या चीज सबसे ज्यादा मैटर करती है?

इस पर उनका कहना है कि-
मैं उन छोटी-छोटी कहानियों को बहुत cherish करती हूँ, जहाँ ShopClues ने merchants, उनके परिवारों और बाकी stakeholders की ज़िन्दगी को छुआ है…मेरी फेवरेट कहानी उस housewife की है जिसने शॉपक्लूज के through बेचना शुरू किया और फिर उसके husband ने अपनी जॉब छोड़ कर उसे ज्वाइन कर लिया।

Success Mantra

राधिका से उनके Success Mantra पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि-
ज़िन्दगी का हर दिन पिछले दिन से बेहतर होना चाहिए… आज कल से बेहतर होना चाहिए और कल आज से। अगर ज़िन्दगी में इस चीज़ को हम लेकर चले तो सिर्फ आगे बढ़ते जाएंगे।
Friends, तो ये थी Shopclues co-founder Radhika Agarwal की success story. चलिए उनसे inspire होते हुए हम भी हेमशा यही प्रयास करें कि हमारा कल हमारे आज से बेहतर हो!
rajni-bhararaThanks

Rajni Bharara

Blog: HindPatrika.Com

We are grateful to Ms. Rajni for sharing a great success story of an Indian women entrepreneur. We wish her a great future

Thursday, 3 November 2016

IAS KAISE BANE GUIDE TO STEP BY STEP IN HINDI

IAS Kaise Bane | Step-by-Step Guide (in Hindi)

Hello Friends… Aaj hum aapko apne desh ki sabse jyada prestigious (Pratisthit – प्रतिश्ठित) job, IAS ke baare me puri information provide karne jaa rahe hai. Vaise doston kya aapko pta hai ki IAS ki full form kya hai? Agar pta hai to bahut acchi baat hai but agar nahi pta to bhi koi baat nhi, Hum is post me aapko IAS ke baare me har choti se choti aur badi se badi cheez detail me btayenge.
IAS ki full form hai – Indian Administrative Services (Bhartiya Prashasanik Seva – भारतीय प्रशासनिक सेवा). India me IAS ki job ek high profile job maani jati hai. Agar aap IAS officer banna chahte ho to aapko All India Civil Service Exam ki preparation karni hogi. IAS exam saal me ek baar Union Public Service Commission (UPSC) ke through conduct kiya jata hai. Generally ye exam December ya January Month me hote hai. Aur UPSC  – IAS exam ki Application Form sabhi Head Post Offices me available hote hai. To chaliye ab hum IAS ki Job and UPSC exam ke baare me detail me baat karte hai.
IAS Kaise Bane

What is IAS?

Ye to hum aapko pahle hi bata chuke hai ki IAS ka matlab hai – Indian Administrative Service. UPSC ke behad muskil Civil Services Examination (CSE) ko clear karne ke baad ek saal kadi mehnat bhari training clear karke ek candidate IAS banta hai, jise IAS Officer kaha jaata hai. Jab officer IAS ke liye select ho jata hai to usse kyi diverse roles (jokhim) nibhane padte hai. Jaise Collector, Commissioner, Head of Public Sector Units, Chief Secretary, Cabinet Secretary etc ki post se ho kar gujarna hota hai. IAS sirf ek lajawab experience aur Challenge hi nhi hai balki India ke Lakhon – Crodon (लाखों-करोड़ों) zindagi me positive changes laane ka jariya bhi hai. Isliye IAS ko ek unique aur behad maan-maryada wala career maana jaata hai.

History

British rule ke dauran Indian Civil Service 1858 and 1947 ke beech ke period me India me British Empire ke Higher Civil Services the. Vo civil services 2 categories me divide ho gayi – Covenanted and Uncovenanted. Covenanted civil service me government ki higher posts ke liye sirf white British civil servants ko hi rakha jaata tha. Aur Uncovenanted civil service puri tarah se administration ke lower rank par Indians ke entry ki facilitate ke liye start ki gayi thi. 1947 me India ke partition or British ke jaane ke time, Indian Civil Service new Dominions of India and Pakistan ke beech divide ho gaya. Jis part me India gaya vahan par Indian Administrative Service ka naam diya or jahan Pakistan vale gaye vahan Civil Service of Pakistan ka naam de diya gaya.

How To Become An IAS Officer?

IAS officer banane ke liye IAS exam clear karna padta hai, which is officially called as UPSC Civil Services Exam (UPSC CSE). Is exam ke 3 stages hote hai – (1) Prelims, (2) Mains aur (3)Interview. IAS ka competition easy to nahi hai but right attitude or approach vale candidate ke liye impossible bhi nahi hai.
UPSC Exam me select hone aur Interview process clear karne ke baad selected candidates ko ek saal ki Training liye LBSNAA (Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration), Mussoorie bheja jaata hai. Training complete karne ke baad ek IAS Officer apni first duty, Junior Time Scalegrade se shuru karta hai.

Qualifications Required to Apply for IAS Exam

  • Educational Qualifications
IAS ke exam appear hone se pahle kisi bhi candidate ko kisi Government Recognized University se minimum pass marks ke saath Graduation karni padti hai.
  • Age Limit
    • General : General category ka ek candidate minimum 21 Years and maximum 32 Years (21-32) ki age me IAS ki pariksha de sakta hai.
    • OBC : Other Backward Class ke ek candidate ke liye maximum age limit 3 saal jyada hoti ha. Yani is category ka candidate 35 years ki age tak IAS exam de sakta hai.
    • SC/ST : SC aur ST category ke candidates ke liye upper age limit 5 years extra hoti hai, matlab SC/ST category ke IAS aspirants 37 ki age tak UPSC exam de sakte hai.
Number of Attempts Allowed in IAS Exam
For General Category Candidate = Six (6)
For OBC category candidate = Nine (9)
For SC/ST category candidate : No limit till age of 37 years.
Scheme of Recruitment For IAS
⦁    Preliminary Exam
⦁    Mains Exam
⦁    Interview

Civil Services Examination (CSE)

Government agency UPSC (Union Public Service Commission) IAS exam conduct karti hai aur isse judi har cheez ke liye responsible hoti hai. Is tarah Law and Order service ke liye right candidates ko select karti hai. Har saal 24 combined (24 alag-alag) services ke liye 1000 candidates ko select kiya jata hai. 2014 me IAS exam ke liye apply karne waale candidates ki sankhya around 9 lakh thi, jinme se 4-5 lakh candidates hi exam day me dikhayi dete hai.
Is exam ko world ke sabse toughest (muskil) exam me se ek maana jaata hai, kyuki is exam me Lengthy Syllabus, Depth or Competition shamil hota hai. Exam ka first stage – Preliminary (Objective) – August me conducted kiya jata hai, aur second stage – Mains (written) hota hai – conducted around December. Jo candidate Pre + Mains exam ko clear kar leta hai vo April-May ke period me Interview (personality ke test) face karta hai. Aur is sabke baad final result June me aata hai.

How To Clear Civil Services Exam?

IAS exam ko clear karne ke liye, ye advise denge ki iske liye aapke paas Long Term Strategy ka hona bahut jaroori hai. Maximum serious candidates, exam date se pahle 9-12 months pahle se hi preparation start kar dete hai. Ye candidates kuch months ki dedicated study ke sath top ranks achieve kar lete hai. So what matters is not the duration of the preparation, but the quality of the same. Sabhi successful candidates ek disciplined and focused mind ke sath learning and reading ka basic trait karte hai. IAS exam me candidate ke mathematical or verbal skills ko check kiya jata hai, jo ek test ke through knowledge gained ke sath sath analytical and presentation skill ka bhi test hai.
To clear IAS, we feel two entities as essential:
⦁    Right guidance – for prelims and mains.
⦁    Right study materials and books

IAS Coaching Vs Self-Study

IAS ki Coaching aur proper guidance ke saath sahi preparation aur easy learning materials ke liye kyi candidates IAS Exam Preparation Classroom join karte hai. Financial constraints ya time na hone ki vajah se jo students ye coaching join nahi kar sakte vo ClearIAS.com ke websites me jaa kar guidance le sakte hai. Aspirant ke liye dedicated hona or properly guided hona behad jaruri hota hai. Agar ye sab hai to self study UPSC CSE clear karne ke liye enough hai.
Agar ab bhi aapke mann me IAS ya UPSC CSE Exam se related koi bhi question ya doubt ho to vo comments ke though humare saath jarur share karein. Thanks for visiting our site, we really hope you may have liked our effort. To get more information about stay tuned with us. Don’t forget to share and like this awesome article on your social media profiles like fb, Twitter and all. Enjoy and Be Happy. Also check
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