Thursday, 30 June 2016

insaan ( humain) asimit power ka swami. the man unlimited potential owner .इनसान असीमित क्षमता का स्वामी .

insaan ( humain) asimit  power ka swami. the man  unlimited potential owner .इनसान असीमित क्षमता का स्वामी .




















इनसान असीमित क्षमता का स्वामी .











महान  आमरीकी  bussines मैन और मोहन - वहां निर्माता  हेनरी फोर्ड ने कहा था कि हर इनसान आपनी क्षमता का जितना आकलन करता है, वह उस क्षमता से अधिक कार्य कर सकता है.\\\

 लेकिन प्रतेक व्यक्ति  आपनी श्रेष्ट  रचनात्मक  क्षमताओ का  का उचित आकलन  करने का  कभी प्रयाश हि नहीं करते है .
 यहाँ तक इस श्रेणी से  बहार निकलने का  में भी रूचि नहीं लेता  और न हि प्रयत्न करता है.\\\
 इसके बिपरीत  जिन लोगो  ने उतम क्षमताओ का समुचित उपयोग करने कि कामना कि , चाहे उसकी क्षमता कुछ भी रही हो ,  योग्यता कुछ भी रही हो, तो उसने ठान लिया ,लिया कुछ बड़ा करना है . कुछ बड़ा काम करना है . या करेगा और उसने एषा किया भी . इसलिए  जरुरत है अपनी क्षमता एवम योग्य का बार बार मूल्याङ्कन किया , करने कि  ताकि आप उनमे अवश्यक  परिस्कार  कर सके  और  उसका इस्तेमाल कर सके . हर इनसान के लिए आपनी क्षमता का समुचित आकलन करना जरुरि है . इन  सब के लिए प्रभावशाली तथ्यों, घटनाओ  और  व्यक्तिओ  का बार -बार स्मरण  करे.....




NOTE:::-कुछ वर्ष पूर्व तक लोगो कि यह धारणा थी कि कंप्यूटर जैस यंत्र बना कर  मनुष्य ने आपनी मंजिल प्राप्त कर ली है....
यह भी मना जाना लगा कि इनसान अब दुनिया कि जटिल से जटिल गणना भी आसानी से कर सकेगा , या कर लेगा . लेकिन हर दिन एक से बढ   कर एक सुपर कंप्यूटर बाजार में आ रहा  है ,और इसका  कोई अंत नही दिख रहा .
यह बताता  है कि इनसान कि क्षमता असीमित है. जरुरत है उसकी आकलन करने कि .




1. कल्पनाशील बनिए?

इसे इस तरह सोचे. जब आनेक sciencetist आकाशिए  पिंडो पर जीवन कि उपश्थिति  के सम्बन्ध  में केवल विचार विमर्श कर रहे  थे, तब आपकी  कल्पनाशील  क्षमताओ का उपयोग कर  रहे थे , तब आपनी कल्पनशील 
क्षमताओ का उपयोग कर एक स्किएन्केतिस्त ने दुसरे अकश्ये पिंड पर बुद्धिमान  प्राणियों कि खोज कि  दिशा में कदम बढाया .परिणाम यह आया कि  अन्तरिक्ष में बुद्धिमानी सभ्यता कि खोज का प्रयास हुआ . इस ने कैलिफोर्निया univarcity के सांताक्रुज खगोल science  विभाग  के उस प्रोफेसर  फैक  डेड  को म्हणता के सर्वोच्य शिखर पर ला खरा किया.


2.खुद को स्वीकार कीजिये 

यह एक एषा फार्मूला है , जो हर इनसान का आत्म्बिश्वास और आत्मसम्मान को बढाता है . आप भी इसक प्रयोग करे  . आप जैसे है ,आप  जहा भी है, आप जो भी है, आप आपने आप को वैसे हि रूप में स्वीकार कीजिये . तब आपको विश्वास होगा  कि आप अत्यंत पर्तिभावन, आकर्षक,सुर्योग्य,हंश्मुख और लोकप्रिय है. तब आप स्वाम को प्रयाप्त  मान सम्मान  प्रदान  देने लगेंगे. इसलिए स्वाम को परिपुनता से स्वीकार करे . 
स्र्व्सक्तिमान आपके पिता है .आपको उनका पूरा स्नेह प्राप्त है ,आपको वह अत्यंत हि चाहता है और आप उसे स्वीकार है, इस विश्वास को बढ़ाये. अगर आप एषा करेंगे ,तो पाएंगे कि  अब तक आपको हि स्वाम  को स्वीकार करने में आपति थी , जबकि अनेक व्यक्तिओ ने तो आपको बहुत पहले से हि स्वीकार किया हुआ है.

3.खुद पर विश्वास रखिये.



जो आपने आप पर विश्वास रखता है , वह  दुशरो पर भी और दुशरे  लोग भी उस पर विश्वास करते है .इसलिए आपने  बिश्वास को किसी भी परिश्थिति में डगमगाने न दे . हर इनसान को ईस्वर ने आपने हि सामान महान बनाया  है . और उन्हें अनगिनत श्रेष्ट  गुणों का उपहार दिया . है , और आपने जीवन में सर्वोतम [म्हणता हासिल ]
हाशिल करने  के लिए इस धरती पर भेजा है . आप जो भी है , जैसे भी , आप जहा भी है, आप में ईस्वर का अंश है , तो आप श्रेष्ट है  और श्रेष्ट कर्म करने के लिए है .यह आपका दायित्व है  कि आप खुद को पहचाने  और खुद पर भरोषा  रखे. फिर देखेंगे कि आप बहुत बड़े बड़े कर पा रहे है .आप सफल हो रहे है , और आपकी ज़िन्दगी  मस्ती में  बिट रही है .








4.खुद से श्रेष्ट व्यवहार कीजिये .

जिस प्रकार आप अन्य लोगो से उतम व्यवहार कि अपेक्षा रखते है . उसी प्रकार  आप दुशरो से श्रेष्ट व्यवहार करे. यह आपके गुणों को बाधा है. आपके मित्रो और सहयोगियों कि संख्या में ब्रिधि करता है  तथा कैरिएर कि बड़ी  से बड़ी बढाओ को दूर करता है. इसी क्रम में आपनी मस्तिष्क को  उसी प्रकार विश्राम दे, जिस प्रकार आप आपने शारीर को विश्राम देते है. मस्तिष्क को प्रदान किया गया थोरा सा बिसराम या मनोरंजन आपके मस्तिष्क को नविन उर्जा , उत्साह और उल्लास से भर देता है.




5.खुद को सदैव व्यस्त रखिये?


कहा जाता है , कि खली दिमाग सैतान के . इस कथन में गहरे अनुभव के सार है. आज तमाम कैरिएर सलाहकार यह बताते है  कि  आपने मस्तिष्क को हमेशा व्यस्त रखिये . शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से  कुछ न कुछ अवश्य करते रहे .








मुह से निकले शब्द हमें गुलाम बनाते है 


विस्टन चर्चिल  सन 1940 से  1945 के समय इंग्लॅण्ड के प्रधानमंत्री  थे. वह एक मात्र प्रधानमंत्री  हुए, जिन्हें नोबल  पुरस्कार मिला ,  से सम्म्मानित किया गया .वे महान अंग्रेज राजनीतिग्य , इतिहाश्कार, लेखक ,प्रखर वक्ता , सिपाही और कलाकार थे.
30 नोम्बर 1874 को ऑक्सफ़ोर्ड शयेर के ब्लेनहीम  पैलेस में पैदा हुए थे. इनका पूरा नाम  विस्टन लियोनार्ड  स्पेंसर चर्चिल था .
हम आज उनके विचारो को यहाँ स्थान दे रहे है.


  • सभि महान चीजे सरल होति है. कइयो को एक सब्द में व्यक्त किया जा सकता है . स्वतंत्रता न्याय ,सम्मान, कर्तव्य, दया, आशा .एक निराशावादी को हर अवसर में कठिनाई दिखाई देती है  और एक आशावादी को हर कठिनाई में अवसर दिखाई देता है.
  • हम मनचाहे शब्दों के मालिक है, पर जिन सब्दो को हम मुह से निकाल देते है , हम उन सब्दो के गुलाम है . हमें जो मिलता है हम उस से जीवन चलते है , पर हम जो  देते है उस से हम जीवन बनाते है.
  • कत्र्पंथी ओ होता है , जो आपना दिमाग बदल नहीं सकता , और बिषय वो बदलता हि नहीं.
  • सहस मंविये गुणों में प्रमुख्य है , क्यूंकि यह वह गुण है  जो बाकी सभि गुणों कि गारंटी देता है.
  • आपने सब्द वापस लेने से मुझे कभी बधास्मी नहीं  हुई . मै हमेशा पहले से भाविश्वानी करने से बचता हु. क्यूंकि घटना घाट जाने के बाद भाविश्वानी करने से काफी बेहतर होता है है.






Wednesday, 29 June 2016

Blogger post ko automaticaliy share kaise kare Google+ profile par (Google plus)

Blogger post ko automaticaliy share kaise kare Google+ profile par (Google plus)

















Dosto, aap to jante hi hai ki Google+ (Google plus) social media site me ek most improtant  site hai.
Google + par apne blog ke article share karne se na sirf  aapko jyada visitors milte hai  . balki ise aur bhi fayede aapko milte hai . search engin me aapko ya aapke site ko visibility bhi increase hoti hai . dosto, agar aap aapne blog ke article ko automatically send karna chahte hai .aapni Google + profile par to aapko ye idea kaam  aa sakega , aur aap is trah se aap aapne Google + profile par aapne blog ke  article ko send kar sakte hai .
aagar aapki funral hai ki aap aapni post ko automatically send karne ki to aap kar sakte hai , asaani se 
to aab aap ye niche padhe aur usi trah se follow kare hai , aapni post ko  Google + (Google plus)  par share kare .
neeche batai gayi trick aapko kaam aa sahkti hai .\







Blogger post ko automaticaliy share kaise kare Google+ profile par (Google plus)


Blogger me already post ko google plus par auto share karne ka feature diya hua hai bas aapko use enable karna hai ,. iske liye neeche  diya huaa step ko follow karo .







1.bloggger ke  dashbord me jaaye  or drop down  menu ke setting >>> posts, comments ke setting par  click kare .


2.ab scroll down kijiye or share to 
google + par jaaye .










1.ab aapko Google+ profile par post auto share karni hai ya google+ page par wo select kare.

 2.aagar aap ka man ye chahta hai ki post publish karne ke baad aapki post automatically shayer ho jaaye to "' auto share  new published posts to your Google+ profile "' ke samne tick karde .....



3. agar aap chahte hai ki aapki post publisah karne ke baad manuaally  post ho to aap . agar aap aisha CHAHTE HAI ,TO KOI BAAT NAHI  AAP AISHA BHI KAR SAKTE HAI  manually share karna chahte hai to ''' aap  promot to share after posting'' ke samne tick kar de . isse yah fayeda hoga ki jab bhi aap post ko publish karenge , to uske baad baad aapke same ek popyup open ho jayega ,  yaha aap post ke sath  text bhi fill kar sakte hai....\..................



dosto, blogger ke is feacher na balki aap  na sirf post ko publish kar sakte..... hai 
Google + profile par post ke sath sath aap page ko bhi publish kar sakte hai ...
aisa karne ke liyte  aapko upar bataye gaye steop  ko follow karna hoga  ya select karna hoga.







mai samjh sakta hu ki aapko ye post  helpful aur useful  informatin mili .
ha , to aap is post ko aap aapne friends ke sath is post ko aapne friends ke sath share kar sakte hai 
social media par  share jarur klare............................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................
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Apni English writing ko behtar kaise banaye---- achhi english kaise likhe. perfect english kaise likhe.

Apni English writing ko behtar kaise banaye---- achhi english kaise likhe. perfect english kaise likhe.

dosto, agar aapka koi bhi english blog hai to aap  se nischit hai ki english writing likhne me koi na koi galti hoti hi hogi.
haa kyaa apne kabhi chek bhi kiya . aagra  nhi to aaj mai aapko ek aisha tarika bataata hu .jissse aap speling mistake , aur another mistake ko ,chek karne ke sath sath use sahi bhi kar sakenge, solve bhi kar sakenge.
 aaur aap is se aapni english writing ko aur behtar bana sakte hai .




jab maine ek article english me likha  to  2 -3 article english me likha to . usme se ek article ka answer aaya ki  matlab comment aaya ki ''hello gaurav kumar ji , your blog is very nice and beautiful but you have need solve some spelling mistakes''.
mai aapne blog ke article me koi kami nahi chahta tha . 
real me ye mere liye bahut buri baat thi .
mujhe samjh nahi aa raha tha ki mai ise likhne ke baad kaise chek karu .










maine aapne english writing ko behatar banane ke liye bahut see english writing  chekar tools ka istemaal kiya matlab prayog kiya . ha lekin mujhe koi bhi tools pasand hi nahi aayi. isi trah mai try karta rah arha .
ek ke baad ek ka try kiya   isi trah se regurlerty try karta raha .
akhir mujhe ek din GRMMARLY SPELLINNG CHECKER KE GRMMARLY KA PATA CHALA. really me grammarly mujhe itni jyada pasand aaya ki mujhe yakin nahi tha ki kahi aisha bhi tools hoga..
really mujhe ye bahut hi jyada bha gaya . is liye maine socha ki mai aapne friendo ko bhi bata du ki .
isliye ye mai aap sab ko shyer kar raha hu.



Grammarly ke free or premium do version hai. aapko free version me  hi bahut achhi version milengi, free wala hi bahut achha service deta hai.
 iam say sure ....   agar aap free version wala use kiya to aapko  jarur  iska premium wala version kharid lenge . ye mera ek chalenge type hai...


iski sabse khas baat ye hai ki aap iske  matlab  GRAMMARLY ko aap online
bhi use kar sakte 
hai ya fir aap grammarly ka extenstion ,,[ chrome extenstion bhi ] install kar sakte hai .

mai grammarly chrome extention hi use karta hu .


ab swal aata hi ki grammarly ke chrome extenstion se english writing ko behtar kaise banaye...;;;;;;;;;;;;;;;;;;solve spelling mistakes

ab aap bhi jante hai ki grammarly ek spell checker system hai , jisse ham grammer ki spelling check kar sakte hai .
ye aapko online likhte wact help karta hai 
isko aap wordpress ,blogspot,joomla and other kisi bhi post editer me use kar sakte hai. iske sath hi aap note -pad  ya fir  kisi bhi text edit file me grammarly ka istemaal kar sakte hai.
neeche mai iske kuch ponts bata de raha hu......


  1. jab bhi aap  apne computer me online kuch likhte hai .fir chahe aap kahi bhi likho ...grammarly aapko likhte time spelling and verb mistake  ko attach karti hai , or ha galat words ko underline kar deti hai.
  2. jaise hi aap underline wale woard par click karoge waise hi ek popup khul jayega  usme us words kimistake hogi , aur uska sahi words bhi hoga  aap us words par click kar ke ise solve kar sakte hai....
  3.  ya aap Grammarly icon par click kare . aisa karne se ek popup page open hoga , usme aapke dwara hui sabhi mistakes hogi.aap us pe click kar ke  spelling,verb or commas mistakes ko theek kar sakte hai...

 iske alawabahut aise fichers hai jo aapko english writing me help karengi ....
ab aagar aap ise har jagah use karna hai , to aapko GRAMMMARLY ke site par jaakar online likhna hoga ....






GRAMMARLY SPELL CHEKER KA ONLINE USE KAISE KARE?


agar aap aapne blog par online article nahi likhte to , aap ise note paide  , microsoft text editer software me bhi use kar sakte hai . iske liye aapko bus grammarly dhasword par aapni file ko upload karna hoga . grammarly site jaane ke liye ye link open karna hoga .grammarly.com

  1. yaha par aap online likh sakte hai .
  2. jab aap complete likh lo ya fir ja aap vhaho check your text par click karke spelling mistake ko check kar sakte hai.
  3. ya fir aap upload a file par bhi click kar sakte ho.


Grammarly better post likhne me aapki help kaise karta hai.

 mai aapko ray dunga  ki aap grammarly chrome extention hi use kare . kyunki dosto ye asaan hbahut hai. jo aapko blogspot, wordpress par likhne me bhi help karega jisse aapko baar baar grammarly site par jaana nahi parega .
aur jab bhi aap koi post likhoge to aapko grammarly extention aapko help karega .....................................................................................................................................................................................................................

sath hi aapki social media site bhi writing check karta hai 
 i mean aap jab bhi google chrome me typing karenge ,, aapke spell ko chek karega ...

 sabse pahle aap Google chrome extension ko aaapne broweser me instaall kare . usske baad aapne blog par new post likhna suru kare .



  1. yaha par aap dekh sakte hai ki jin sabhi words me mistake hai . wo sab underline hai . aap jaise hi maus ko underline wortd pe jaiyega , waise hi ek small popup khul jayega . usme words ki sahi spelling hogi  usspe click kar ke spelling mnistake ko sahi kar sakte hai...


aagra aapko ye article pasand aaya hai to aap ise aapne dosto ke sath shyer kae social media par 



plan can not be anything whithout. प्लान के बिन कुछ भी नहीं हो सकता ? प्लान के बिना नहीं हो सकते सफल.

प्लान  के बिन कुछ भी नहीं हो सकता . प्लान के बिना नहीं हो सकते सफल .

 दोस्तों आज हम बात करते है कि , आखिर प्लान के बिन क्यों कुछ नहीं हो सकता . एषा क्यों?
सबसे पहले आप इसे पढ़े .
  • हर इनसान आपने जीवन में एक लक्ष्य तय करता है, और हर इनसान यही सोचता है  कि मेरा भी एक लक्ष हो . हम भी एक काबिल इनसान बने .सायेद आपके भी mind में यही चल रहा हो .
  •  इनसान जो लक्ष्य को choose करता है . जिसे वह पाना चाहता है, चाहे हालत कैसी भी क्यों न हो.उस लक्ष्य तक पहुचने के लिए  उसे दो चीजे कि जरुरत पड़ती है .
  • 1. पहला ये कि उसे एक प्लान कि जरुरत प्रति है.
  • 2. दूसरा ये कि उसे प्रेरणा कि  , जो उसे अपने लक्ष्य तक ले जाने में काफी मदद करता है.
  • जब तक आप प्लान नहीं बनायेंगे  तब तक आप आपने लक्ष्य में सफल नहीं होंगे |
  • आचरण ,संगती ,विचार और अभ्यास भी प्लान के अहम् हिस्से है . इनके मानक खुद तय करने होंगे .
  • साथ हि प्रेरणा के लिए ,एक सफल इनसान को आपना आदर्श  बनाना होगा.




प्लान के बिन नहीं हो सकते सफल 

  1. जीवन का आदर्श  बनाये >
आपने लक्ष्य के प्रति  लक्ष्य के निर्धारण के लिए निश्चय हि आप  ने ऐसे किसी व्यक्ति से सीख या प्रेरणा ली होगी , जो उस क्षेत्र में सफल रहा होगा . जैसे आपने तय किया कि आपने लेखक , कलाकार, गायक या व्यापारी  बनना चाहते है , तो आपके इस निश्चय का आधार जरुर कोई एषा व्यक्ति होगा , जिसने आपको प्रभावित किया होगा.इस प्रभाव के कारन कुछ भी हो  सकता है .
ek safal  insaan  alag alg vyktiyo ke jivan me अलग अलग से प्रभाव पैदा कर सकता है. जैसे उसका बहुत पेशा कमाना ,उसकी लोकप्रियता ,उसकी प्रतिष्ठा ,उसकी जीवन के मस्ती  या ऐसे दुसरे कारण. जब आप कोई लक्ष्य तय करते है,तो कही न कही उस व्यक्ति कि सफलता का प्रभाव आपके मन - मस्तिष्क को संचालित कर रहा होता है, जिसे आप आपना आदर्शी बना सके. ऐसे सफल इनसान का जीवन हमारे लिए प्रकाश का काम केरा है. हर सफल इनसान का  कोई न कोई व्यक्ति अदर्स  होता है. आप भी अपना आदर्श  तय करे . सफल इनसान के जीवन के बारे में जाने और उससे  प्रेरणा ले .

2.बुरी संगती  से दूर रहे |

इनसान के जीवन ,मन और मानव  पर बातावरण  का और संगती का प्रभाव  परता है.इसलिए सफलता  और असफलता में  संगती और कुसंगति कि बड़ी भूमिका होति है .  कहा भी गया है .
बुरी संगती में अच्छा व्यक्ति भी निकाम्मा , अधर्मी , नास्तिक और डरपोक  बन जाता है . वहि  अच्छी  संगती में  सामान्य स्टार का मनुष्य भी क्ष्रेट आचरण करने लगता है.इससे उसकी गति  क्श्रेस्ट दिशा में हो जाती है .इसलिए श्रेष्ट पुस्तके, अछि साहित्य,  अच्छे मित्र  आदि कि संगती करे .बुरी, चीजे ,आदतों, और बिचारो और लोगो से बचे रहे .बुरी संगती कर आप सफलता हसिउल नहीं कर सकते .


क्रोध और अहंकार से बचे .

हमेशा याद रखे कि क्रोधी और अहंकारी इनसान खोते सिक्के कि 
तरह होते है.
उसकी कोई कीमत नहीं रह जाती .तमाम गुण के बाद भी लोग उस से दुरी बनाते है.
उससे न पसंद करते है.और उसे अछि सलाम भी देने से बच्तेव है इतना हि नहीं ,उसके बिषय में समाज और मित्रो में खराब धरना होति है. ना तो  उसका कोई मित्र होता है , और न कोई प्रम्शी . इसके बिपरीत उसके पग पग पर बिरोधी ,दुसमन,और आलोचक पैदा हो जाते है.क्रोध से अविवेक और अविवेक से उतेजना पैदा होति है.
सम्पूर्ण मस्तिक अझंता से भर जाता है ,अझन से क्रोधी व्यक्ति का पतन और अंतत: सर्वनाश हो जाता है.दिनभर में  व्यक्ति भोजन करता है, क्रोध से एक बार में उतना ख़त्म हो जात है .
उसी प्रकार सालो में जो यश और कृति अआपने कमाई  तथा आपने आपने आचरण से जो पहचान और सम्बन्ध बनाया . ओ सभि क्रोध के कारन एक पल में खो दिए .
अहंकारी व्यक्ति आपने हि मन में चूर रहता है .और उसके लिए संसार में सिखने कि रस्ते बंद हो जाते है. उसकी उन्न्नती असंभव हो जाती है. इसलिए इनसे हमेशा बचे .अपने व्यबहार को सौम्य रखे.

4. समय का प्रबंधन करे.

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बिना  प्रबंधन के  कुछ  भी नहीं चलता . चाहे कंपनी हो या सम्बन्ध .सब के भीतर एक प्रबंधन होता है.यह समय के मामले में और भी मुल्य्बान है .हम समय कि कीमत चूका कर हि सफल स्टूडेंट ,आर्टिस्ट ,म्यूजिशियन ,धनपति,और अविष्कारक,बिशेश्झ्य  या व्यापारी हो सकते है,जो समय को गुप्बाजी ,आवार्र्गर्दी अलाश्य में गवता है,वह सब कुछ गवा देता है.समय न तो कभी ठहरता है, और न हि बिता हुआ समय कभी लौट कर आता है.समय को जमा कर के भी नहीं रखा जा सकता है.इसलिए इसक सिर्फ उपयोग हि किया जा सकता है.अब आप पे निर्भर करता है, कि आप इसक उपयोग करते है या गवा देते है.
अगर आप समय गवा देते है ,तो आप उसका दुरूपयोग करते है.आप उस अधिकार को भी खो देते है.जो आपको सफल होने के लिए मिला  है और अगर इसक सदुपयोग करते है. तो आप उसका अधिकार को भी उपयोग करते है.जो आपको सफल होने के लिए नासिग्र रूप से प्राप्त है .इसलिए अआप समय के उपयोग के लिए प्लान बनाये . यह बलं दिन स्फ्तः और माह के हिशाब से बना सकते है .
जैसे ":: आज काया करना है .एक सप्ताह में कितन काम पूरा करना है. माह के अंत तक कितनी उपलब्धि हासिल करनी है.और एक साल में आपने लक्ष्य का कितन प्रतिशत हिस्सा प्राप्त कर लेना है.

इस तरह से  तय किये गए प्लान केर अनुशार काम करिए , आप समय का

 सही उप्योग कर सकेंगे 




हा , दोस्तों. 
            मेरा एक suggestion है , कि आप  हर किसी के नजर में एक बिश्वसंनिय  बनिए , या कोशिस कीजिये.

मनुष्य आपने स्वाभाव से हि विश्वसनीय बनता है .

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विश्वस्नीय बन्ने से एक रिलेशन क्रिएटेड होता है.
हम इंसानों के बीच रिलेशन एक बहुत बारे पैमाने पर माने रखते है.
कुछ भी किया जात है ,तो एक रिलेशन के बसे पर हि .
इसलिए दोस्तों , सबसे पहले विश्वसनीय बनिए.
\


अरस्तु  एक यूनानी दार्शनिक थे.वे प्लेटो के शिष्य और सिकंदर के गुरु थे ,उनका जन्म स्तेगोरिया हुआ था .भौतिक scince पर अरस्तु का विचार  में मध्युगीन शिक्षा पर व्यापक प्रभाव डाला  और इसक असर पुर्नजागरण पर भी परा .उनके तर्क सस्त्र आज भी प्रासंगिक है.उनके दरसन आज भी पढाये जाते है .उनके बिचारो से प्रेरणा लेकर हम आपने जीवन में अजमा सकते है.

  • एक निश्चत बिंदु के बाद पैसे का कोई अर्थ नहीं रह जाता .

  • किसी मनुष्य का स्वभाव भी उसे विश्वसनीय बनता है.न कि उसकी सम्पति.

  • दोस्तों, के बिन कोई भी जीना नहीं चाहेगा , चहे उसके पास बाकि सब कुछ हो.

  • मित्र का सम्मान करो पीठ पीछे उसकी प्रसंसा करो.और आवश्कता पर्ने पर उसकी सहायता करो.

  • मनुष्य स्वाभाव से एक राजनीतिज्ञ जानवर है.

  • कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है.

  • संकोच युवाओ के लिए एक आभूषण है.बड़ी उम्र के लोगो के लिए धिक्कार .

  • आलोचना से बचने के लिए एक हि तरीका है, कुछ मत करो, कुछ मत कहो,कुछ मत 
  • बनो/.

  • दोस्त बनना एक जल्दी का काम है, लेकिन दोस्ती एक डेमी गति से पकने वाला फल है.

  • \जो सभि का मित्र होता है वही किसी का मित्र नहीं होता .



आल्सो रीड [ ये भी पढ़े]




Saturday, 25 June 2016

6 Reasons The Indian Navy MARCOS Are The Best | मार्कोस मरीन कमांडो, दुश्मन को उसके घर में घुस के मारते हैं, 10 हजार में एक बनता है मार्कोस -

मार्कोस मरीन कमांडो, दुश्मन को उसके घर में घुस के मारते हैं, 10 हजार में एक बनता है मार्कोस
भारतीय मार्कोस कमांडो के अगर हाथ पैर बाँध के समन्दर में डाल दें तो भी वो तैर के बाहर आजाते हैं, एक मार्कोस कमांडो अकेले कई अपने कई दुश्मनों पर भारी पड़ता है।























आतंकवादियों पर बस इनकी नजर पड़े पर वो जमीन पर मरे हुए नजर आयेंगे। आंधी से तेज है इनकी रफ्तार, आग, पानी और आसमान हर जगह से अपने दुश्मन को मारने के लिए तैयार रहता है भारत का सबसे खूंखार मार्कोस (मरीन) कमांडो। इन भारत माता के सपूतो पर होता है दुश्मन को मार गिराने का खून सवार। जैसे ही इन्हें उच्च अधिकारीयों का इशारा इन्हें मिलता है उसके बाद इन्हें रोक पाना मुश्किल हो जाता है। भारत के साबसे खूंखार मार्कोस (मरीन) कमांडो के बारें में हैरान कर देने वाली बातें। यह भी पढ़ें: पीएम मोदी की सुरक्षा करती है, दुनिया की सबसे खतरनाक SPG कमांडो FORCE








भारत के मार्कोस कमांडो की जानिए 6 खासियत:














































































































































1 -भारत के मार्कोस कमांडो सबसे तेज और आधुनिक हथियार से लैस होतें हैं।
2 - मार्कोस कमांडो में भर्ती होने के लिए 20 की उम्र से शुरू होती है लेकिन हजारों जवानों में से एक को बस चुना जाता है।
3- मार्कोस कमांडो की ट्रेनिंग सबसे कठोर होती है, इन्हें हवा, पानी के अंदर और आसमान से दुश्मनों पर हमला करने की गजब ट्रेनिंग दी जाती है।
4 - भारतीय मार्कोस कमांडो के अगर हाथ पैर बाँध के समन्दर में डाल दें तो भी वो तैर के बाहर आजाते हैं, एक मार्कोस कमांडो अकेले कई अपने कई दुश्मनों पर भारी पड़ता है।
5 - देश में बड़े से बड़े आतंकी हमला हो या फिर दुश्मन को घर में घुस के मारना दोनों में इनका कोई जवाब नही है।
6- भारतीय मार्कोस कमांडो और अमेरिका के मार्कोस दोनों ढाई साल की ट्रेनिंग एक साथ लेते हैं।
6 -मार्कोस कमांडो के परिवार वालों को भी नही पता होता है की उनका बेटा, भाई, पति मार्कोस कमांडो है।

Friday, 24 June 2016

Class Me Apna Introduction Kaise Dena Chahiye

Class Me Apna Introduction Kaise Dena Chahiye








Hello Doston… main ek baar fir leke aaya hun Topper Guru me naya topic. Aaj hum apse introduction ke bare me kuch tips or kuch baate share karne ja rahe hai. I know friends introduction ka naam sunte hi chinta hone lag jati hai. Doston chahe aap student ho ya teacher, class me ya ek group me apne aap ko comfortably and effectively introduce karvana aana chahiye. In any situation, apne aap ko introduce karvane ka best way hai ki aap apna naam, or details ko alag alag rakhe. For a student, shuruat apne naam se kare, followed by class, age, favorite subject and hobbies. For new teachers or teachers facing a new environment, yahan kuch steps hai jo ki btayenge ki khud ko class me good impression dene ke liye kaise introduce karna chahiye.



How to Introduce Yourself in Class as a New Teacher

School me first day apne aap ko introduce karvana hai to niche diye kuch steps aapke bacho ke sath strong connection banana me help karegi. Class me apna introduction kaise dena chahiye ke steps niche diye gaye hai.
When you are introducing yourself then first impression create karne ke liye ya jamane ke liye aapka well dressing hona bahut important hai. Agar aap classroom me bacho ke sath enjoy karenge to bache bhi apki respect karenge. Dress me ek shirt with tie and black shoes. Ladies ke liye simple suit with no heavy ornament.
Apna introduction shuru karne ke liye sabse pehle class me apna naam, aap kis tarah se pronounce karte hai inn sab baato ko dhyan me rakhna chahiye.
Unki through pucha gya information about yourself, your likes, dislikes or hobbies ko btana chahiye. Isse aapke or aapke students ke bich connection banne me help milegi.
Class ke rules ko jaane or usse follow kare or vo aapse kya expect karte hai isse bhi jaane.
Remain courteous and polite. Ye class me acha impression jamane ke liye bahut important hai. Kabhi bhi unhe sochne me majbur na kare ki aap kitne mean ho ya aap unke liye kuch bhi nahi karte ho.
Apne aap ko students ke samne better dikhane ke liye apna introduction complete karne ke baat ask the students agar vo aapke baare me kuch or janna chahte hai to. This will ensure that they remember you better.

Creative Ways to Introduce Yourself in Class

Agar aap chahte hai ki aapka introduction kuch different way me ho ya aap traditional introduction se fed up ho chuke hai to, why not try some creative and interesting ways? Kuch creative ways jisme aap apne aapko class me introduce karva sake niche diye gaye hai.

Photo-Book or Collage ke through aap creative introduction de sakte hai. Firstly, apne life ko describe karne ke liye make up a book of photographs. Uss books me unke liye love show hona chahiye.
Apne favorite novel ki list ko class me share kare. Ye class me bache aapke sath kis literature me discus kar sakte hai help karega.
After introducing yourself, kids ko apne bare me batane ka quiz rakhe.
Tell the kids ki har week me ek best student ko chuna jayega or vo star of the class hoga and in sab ki collage banaya jayega jisko class me like and share kiya jayega. Isse kids ko better jaan payenge.
Truth & Lie…. In this game kids ko ek truth or ek lie bataya jayega jisse kids ko guess karna padega ki kya lie hai. Sare students me ye continues follow kiya jaye. Ek dusre ko janne ke liye ye ek fun way hai.

Another tips

Hamesha smile kare. Look and sound happy.
Eye contact banaye rakhe jab aap kisi se baat kar rahe ho.
Apne hobbies ke piche broad idea samne rakhe.
Try some wit and humor.
Har baar kisi cheez ke piche comments ya jokes na maare.
Kabhi kisi ki insult na kare.
Overboard jokes na kare.
Jab aap baat kar rahe ho to stoop banke na rahe. Keep yourself stand straight.
So friendzz… here we are sharing with you some steps about how to introduce yourself. We hope its help in your life. Agar aapko hamara aaj ka article pasand aaya ho to iss article ko like and share karna na bhule. Thankx for visiting our site. Aur information janna ke liye stay tuned with us on Radiantgaurav. Be happy.



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Technology, everyday life ka ek bigger part ban gaya hai, isiliye technology professionals ki jaroort padhne lagi hai. Software engineers programs ki development ke liye design or guide karti hai jisme computer use hota hai jo iss kaam ko easy bana deta hai. Ye self taught ke liye possible hai, ek duration ke liye ek software engineer banne ke apne sapne ko achieve karne ke liye common way hai.

Guys yahan kuch tips share karne jaa rahe hai jo software engineer se related hai so dhayan se padhte rahe humare tips. Check out below…..

START EARLY


Agar aap still ek grade school me ho or abhi se soch liya hai ki Software engineer banna hai to abhi se apne goal ko achieve karne ke liye idea banaye. Self learning or available courses ko select kare taki vo aapke skills ko improve kar sake. Iske liye aapko kuch khas skill ko build karne ki jaroort padegi.

Advance me mathematics or technology classes leni padegi.
Jaldi hi code kaise karte hai sikh le taki baad me aapko iska benefit mile.
Think about ki kiss type ka software aapko pasand hai. Jaise ki games, business applications or digital music suites.

Simple games ya applications khud se banane ke try kare or just think about ones you would like to build.

PICK A FOCUS



Higher education ko attend karne se pahle ek focus ka hona jaroori hai jo aapke degree ke liye important hai. Certain types of software engineering positions ke liye different skills ki requirement hoti hai or uske liye students ko degree ke liye kuch common majors and focuses ki jaroort padti hi hai. Niche kuch common education focus software engineers ke liye list provide karne jaa rahe hai.
Computer Science Details – kaise computer system work karta hai or sath hi sath languages programming ko kaise constructed kiya jaata hai.


Software engineering ka focus vaha hota hai jahan applications ki jaroort kiss task me kaise hoti hai or usse build karne ke liye kya best karna chahiye.
Mathematics computer software ke through bhi use kiya jaata hai. Mathematics appko allow karta hai ki kaise algorithms ko use kiya jaaye.


ATTEND COLLEGE

Although it is possible to learn on your own, sabse jyada software engineers ke ek college level degree earn karte hai. Higher education ko attend karne se, aap baad me professional positions ke liye jab apply karoge tab uss time aap ko advantage mil sakta hai kyuki tab aapke skills, information or concepts exposed hote hai.
Most software engineers ko ek bachelor’s degree require hoti hai.
Advanced positions ki filed me ek master’s degree ki jaroort padti hai.
Entry level positions ke liye sirf associate degree ki hi requirement hoti hai.
Aap computer science or software engineering me study kane par consider ho sakta hai.

NEVER STOP LEARNING

Technology and software are continually developing. Being so, aapki skills or professional knowledge ko bhi growing karne ki jaroort hai. Software engineering ke field me up to date rehna aapke liye best hai.

LEARN PROGRAMMING LANGUAGES

Software engineering ke liye focus jaroori nahi hai balki program ko learn karna bhi ek valuable asset hai career me. Programming ke knowledge me work karne se aapko better software design karne me help milti hai. It’s a good idea to learn as many languages you can. Shurawat karne ke liye ek cheez me pick kare taki ussi me focus bana rahe. Niche kuch or languages hai jisska aaj ke time me kaphi use hone laga hai.
C++
C#
Java
Java script
Python

FOCUS ON MATH

Math ke sath skilled or proficient hone ke naate ek software engineer hone ka ek important part hai. Software engineers kabhi mathematical functions or algorithms jo software ke function me allow hote hai ko create karne me focus hote hai. So focus kare apne math skills ko develope or maintain karne ke liye.
Discrete mathematics ek software engineer ke liye study ka ek useful area hai.

KEEP BUILDING SOFTWARE

Apne skills ko improve karne ke liye best way hai ki aap isse use kare. Software engineering projects me jyada se jyada experience lena aapko help karta hai isse aapke skills sharp hote hai or aap jyada se jyada sikhne lagte ho. Chahe vo professional projects ho ya personal, ye aapke skills ko improve karti hai.

PRIVATE AND GOVERNMENT JOBS

Software engineering me career information technology ki present status par considering karna highly rewarding hai. Public sector companies me software engineers ke starting salaries Rs 8000 to Rs 12000 hoti hai. However, private sector me higher salary packet pay karta hai. A good software engineer employees ke liye several other perks available hote hai and besides salary Rs 25000 karne ke liye karib Rs 20000 ke salary ke sath start karne ki hope rakh sakte hai. Ek software engineer ki remuneration qualification or experience ke depend par Rs 50000 to Rs 60000 tak pahunch sakta hai.

So friends, aaj humne share kiya Software engineer ke bare me, aapko humara article kaisa laga hume jarur bataye comment karke. Agar aapko koi doubt hai to aap hume likh sakte hai comment me, hum aapko jaldi reply karenge. Uhi jude rahiye TOPPERGURU ke sath aur bhi study aur job related jankari ke liye. Khush rahiye muskurate rahiye accha lagta hai… 

Thursday, 23 June 2016

योग के 10 प्रमुख आसन और उनके लाभ

योग के 10 प्रमुख आसन और उनके लाभ



अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं!
Types of Yogasana in Hindiदोस्तों, आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है. इस विशेष दिवस पर हम अच्छीखबर के सभी पाठकों के साथ योग अभ्यास के कुछ पहलुओं को आपके सामने रखना चाहते हैं जिससे आप सब भी योग अपनाएं और स्वस्थ व सुखी जीवन जीयें।

योग क्या है?

योग का अर्थ है जोड़ना. जीवात्मा का परमात्मा से मिल जाना, पूरी तरह से एक हो जाना ही योग है। योगाचार्य महर्षि पतंजली ने सम्पूर्ण योग के रहस्य को अपने योगदर्शन में सूत्रों के रूप में प्रस्तुत किया है.
उनके अनुसार, “चित्त को एक जगह स्थापित करना योग है।

अष्टांग योग क्या है?

हमारे ऋषि मुनियों ने योग के द्वारा शरीर मन और प्राण की शुद्धि तथा परमात्मा की प्राप्ति के लिए आठ प्रकार के साधन बताएँ हैं, जिसे अष्टांग योग कहते हैं..
ये निम्न हैं-
  1. यम
  2. नियम
  3. आसन
  4. प्राणायाम
  5. प्रात्याहार
  6. धारणा
  7. ध्यान
  8. समाधि
इस पोस्ट में हम कुछ आसान और प्राणायाम के बारे में बात करेंगे जिसे आप घर पर बैठकर आसानी से कर सकते हैं और अपने जीवन को निरोगी बना सकते हैं।

आसान से क्या तात्पर्य है और उसके प्रकार कौन से हैं?

आसान से तात्पर्य शरीर की वह स्थिति है जिसमें आप अपने शरीर और मन को शांत स्थिर और सुख से रख सकें.
स्थिरसुखमासनम्: सुखपूर्वक बिना कष्ट के एक ही स्थिति में अधिक से अधिक समय तक बैठने की क्षमता को आसन कहते हैं।
योग शास्त्रों के परम्परानुसार चौरासी लाख आसन हैं और ये सभी जीव जंतुओं के नाम पर आधारित हैं। इन आसनों के बारे में कोई नहीं जानता इसलिए चौरासी आसनों को ही प्रमुख माना गया है. और वर्तमान में बत्तीस आसन ही प्रसिद्ध हैं।
आसनों को अभ्यास शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से स्वास्थ्य लाभ एवं उपचार के लिए किया जाता है।
आसनों को दो समूहों में बांटा गया है:-
  • गतिशील आसान
  • स्थिर आसान
गतिशील आसन- वे आसन जिनमे शरीर शक्ति के साथ गतिशील रहता है.
स्थिर आसन- वे आसन जिनमे अभ्यास को शरीर में बहुत ही कम या बिना गति के किया जाता है.

आइये अपने शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए इन आसनों के बारे में जानते हैं / Major Types of Yogasana in Hindi

स्वस्तिकासन / Swastikasana 

स्वस्तिकासन Swastikasanaस्थिति:- स्वच्छ कम्बल या कपडे पर पैर फैलाकर बैठें।
विधि:- बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाहिने जंघा और पिंडली (calf, घुटने के नीचे का हिस्सा) और के बीच इस प्रकार स्थापित करें की बाएं पैर का तल छिप जाये उसके बाद दाहिने पैर के पंजे और तल को बाएं पैर के नीचे से जांघ और पिंडली के मध्य स्थापित करने से स्वस्तिकासन बन जाता है। ध्यान मुद्रा में बैठें तथा रीढ़ (spine) सीधी कर श्वास खींचकर यथाशक्ति रोकें।इसी प्रक्रिया को पैर बदलकर भी करें।
लाभ:-
  • पैरों का दर्द, पसीना आना दूर होता है।
  • पैरों का गर्म या ठंडापन दूर होता है.. ध्यान हेतु बढ़िया आसन है।

गोमुखासन /Gomukhasana

Gomukhasana गोमुखासनविधि:-
  • दोनों पैर सामने फैलाकर बैठें। बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब (buttocks) के पास रखें।
  • दायें पैर को मोड़कर बाएं पैर के ऊपर इस प्रकार रखें की दोनों घुटने एक दूसरे के ऊपर हो जाएँ।
  • दायें हाथ को ऊपर उठाकर पीठ की ओर मुडिए तथा बाएं हाथ को पीठ के पीछे नीचे से लाकर दायें हाथ को पकडिये .. गर्दन और कमर सीधी रहे।
  • एक ओ़र से लगभग एक मिनट तक करने के पश्चात दूसरी ओ़र से इसी प्रकार करें।
Tip:- जिस ओ़र का पैर ऊपर रखा जाए उसी ओ़र का (दाए/बाएं) हाथ ऊपर रखें.
लाभ:-
  • अंडकोष वृद्धि एवं आंत्र वृद्धि में विशेष लाभप्रद है।
  • धातुरोग, बहुमूत्र एवं स्त्री रोगों में लाभकारी है।
  • यकृत, गुर्दे एवं वक्ष स्थल को बल देता है। संधिवात, गाठिया को दूर करता है।


गोरक्षासन Gorakhshasanaगोरक्षासन / Gorakhshasana

विधि:-
  • दोनों पैरों की एडी तथा पंजे आपस में मिलाकर सामने रखिये।
  • अब सीवनी नाड़ी (गुदा एवं मूत्रेन्द्रिय के मध्य) को एडियों पर रखते हुए उस पर बैठ जाइए। दोनों घुटने भूमि पर टिके हुए हों।
  • हाथों को ज्ञान मुद्रा की स्थिति में घुटनों पर रखें।
लाभ:-
  • मांसपेशियो में रक्त संचार ठीक रूप से होकर वे स्वस्थ होती है.
  • मूलबंध को स्वाभाविक रूप से लगाने और ब्रम्हचर्य कायम रखने में यह आसन सहायक है।
  • इन्द्रियों की चंचलता समाप्त कर मन में शांति प्रदान करता है. इसीलिए इसका नाम गोरक्षासन है।

अर्द्धमत्स्येन्द्रासन /Ardha Matsyendrasana

ardha matsyendrasana अर्द्धमत्स्येन्द्रासनविधि:-
  • दोनों पैर सामने फैलाकर बैठें. बाएं पैर को मोड़कर एडी को नितम्ब के पास लगाएं।
  • बाएं पैर को दायें पैर के घुटने के पास बाहर की ओ़र भूमि पर रखें।
  • बाएं हाथ को दायें घुटने के समीप बाहर की ओ़र सीधा रखते हुए दायें पैर के पंजे को पकडें।
  • दायें हाथ को पीठ के पीछे से घुमाकर पीछे की ओ़र देखें।
  • इसी प्रकार दूसरी ओ़र से इस आसन को करें।
लाभ:-
  • मधुमेह (diabetes) एवं कमरदर्द में लाभकारी।  Related Post: कैसे करें डायबिटीज कण्ट्रोल?
  • पृष्ठ देश की सभी नस नाड़ियों में (जो मेरुदंड (Vertebra) के इर्द-गिर्द फैली हुई है.) रक्त संचार को सुचारू रूप से चलाता है।
  • उदर (पेट) विकारों को दूर कर आँखों को बल प्रदान करता है।

योगमुद्रासन / Yoga Mudrasana

योगमुद्रासन / Yoga Mudrasanaस्थिति- भूमि पर पैर सामने फैलाकर बैठ जाइए.
  • विधि-
  • बाएं पैर को उठाकर दायीं जांघ पर इस प्रकार लगाइए की बाएं पैर की एडी नाभि केनीचे आये।
  • दायें पैर को उठाकर इस तरह लाइए की बाएं पैर की एडी के साथ नाभि के नीचे मिल जाए।
  • दोनों हाथ पीछे ले जाकर बाएं हाथ की कलाई को दाहिने हाथ से पकडें. फिर श्वास छोड़ते हुए।
  • सामने की ओ़र झुकते हुए नाक को जमीन से लगाने का प्रयास करें. हाथ बदलकर क्रिया करें।
  • पुनः पैर बदलकर पुनरावृत्ति करें।
लाभ-  चेहरा सुन्दर, स्वभाव विनम्र व मन एकाग्र होता है.

उदाराकर्षण या शंखासन

स्थिति:- काग आसन में बैठ जाइए।
विधि:-
  • हाथों को घुटनों पर रखते हुए पंजों के बल उकड़ू (कागासन) बैठ जाइए। पैरों में लगभग एक सवा फूट का अंतर होना चाहिए।
  • श्वास अंदर भरते हुए दायें घुटने को बाएं पैर के पंजे के पास टिकाइए तथा बाएं घुटने को दायीं तरफ झुकाइए।
  • गर्दन को बाईं ओ़र से पीछे की ओ़र घुमाइए व पीछे देखिये।
  • थोड़े समय रुकने के पश्चात श्वास छोड़ते हुए बीच में आ जाइये. इसी प्रकार दूसरी ओ़र से करें।
लाभ:-
  • यह शंखप्रक्षालन की एक क्रिया है।
  • सभी प्रकार के उदर रोग तथा कब्ज मंदागिनी, गैस, अम्ल पित्त, खट्टी-खट्टी डकारों का आना एवं बवासीर आदि निश्चित रूप से दूर होते हैं।
  • आँत, गुर्दे, अग्नाशय तथा तिल्ली सम्बन्धी सभी रोगों में लाभप्रद है।

सर्वांगासन 

सर्वांगासन Sarvangasanaस्थिति:- दरी या कम्बल बिछाकर पीठ के बल लेट जाइए.
विधि:-
  • दोनों पैरों को धीरे –धीरे उठाकर 90 अंश तक लाएं. बाहों और कोहनियों की सहायता से शरीर के निचले भाग को इतना ऊपर ले जाएँ की वह कन्धों पर सीधा खड़ा हो जाए।
  • पीठ को हाथों का सहारा दें .. हाथों के सहारे से पीठ को दबाएँ . कंठ से ठुड्ठी लगाकर यथाशक्ति करें।
  • फिर धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में पहले पीठ को जमीन से टिकाएं फिर पैरों को भी धीरे-धीरे सीधा करें।
लाभ:-
  • थायराइड को सक्रिय एवं स्वस्थ बनाता है।
  • मोटापा, दुर्बलता, कद वृद्धि की कमी एवं थकान आदि विकार दूर होते हैं। Related: मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक उपाय
  • एड्रिनल, शुक्र ग्रंथि एवं डिम्ब ग्रंथियों को सबल बनाता है।

प्राणायाम / Pranayam

प्राण का अर्थ, ऊर्जा अथवा जीवनी शक्ति है तथा आयाम का तात्पर्य ऊर्जा को नियंत्रित करनाहै। इस नाडीशोधन प्राणायाम के अर्थ में प्राणायाम का तात्पर्य एक ऐसी क्रिया से है जिसके द्वारा प्राण का प्रसार विस्तार किया जाता है तथा उसे नियंत्रण में भी रखा जाता है.
यहाँ 3 प्रमुख प्राणायाम के बारे में चर्चा की जा रही है:-
अनुलोम-विलोम प्राणायाम / Anulom Vilom Pranayam
Anulom Vilom Pranayamविधि:-
  • ध्यान के आसान में बैठें।
  • बायीं नासिका से श्वास धीरे-धीरे भीतर खींचे।
  • श्वास यथाशक्ति रोकने (कुम्भक) के पश्चात दायें स्वर से श्वास छोड़ दें।
  • पुनः दायीं नाशिका से श्वास खीचें।
  • यथाशक्ति श्वास रूकने (कुम्भक) के बाद स्वर से श्वास धीरे-धीरे निकाल दें।
  • जिस स्वर से श्वास छोड़ें उसी स्वर से पुनः श्वास लें और यथाशक्ति भीतर रोककर रखें… क्रिया सावधानी पूर्वक करें, जल्दबाजी ने करें।
लाभ:-
  • शरीर की सम्पूर्ण नस नाडियाँ शुद्ध होती हैं।
  • शरीर तेजस्वी एवं फुर्तीला बनता है।
  • भूख बढती है।
  • रक्त शुद्ध होता है।
सावधानी:-
  • नाक पर उँगलियों को रखते समय उसे इतना न दबाएँ की नाक कि स्थिति टेढ़ी हो जाए।
  • श्वास की गति सहज ही रहे।
  • कुम्भक को अधिक समय तक न करें।

कपालभाति प्राणायाम / Kapalbhati Pranayam

Kapalbhati कपालभातिविधि:-
  • कपालभाति प्राणायाम का शाब्दिक अर्थ है, मष्तिष्क की आभा को बढाने वाली क्रिया।
  • इस प्राणायाम की स्थिति ठीक भस्त्रिका के ही सामान होती है परन्तु इस प्राणायाम में रेचक अर्थात श्वास की शक्ति पूर्वक बाहर छोड़ने में जोड़ दिया जाता है।
  • श्वास लेने में जोर ने देकर छोड़ने में ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • कपालभाति प्राणायाम में पेट के पिचकाने और फुलाने की क्रिया पर जोर दिया जाता है।
  • इस प्राणायाम को यथाशक्ति अधिक से अधिक करें।
लाभ:-
  • हृदय, फेफड़े एवं मष्तिष्क के रोग दूर होते हैं।
  • कफ, दमा, श्वास रोगों में लाभदायक है।
  • मोटापा, मधुमेह, कब्ज एवं अम्ल पित्त के रोग दूर होते हैं।
  • मस्तिष्क एवं मुख मंडल का ओज बढ़ता है।

भ्रामरी प्राणायाम / Bhramri Panayam

स्थिति:- किसी ध्यान के आसान में बैठें.
Bhramari Pranayam भ्रामरी प्राणायामविधि:-
  • आसन में बैठकर रीढ़ को सीधा कर हाथों को घुटनों पर रखें . तर्जनी को कान के अंदर डालें।
  • दोनों नाक के नथुनों से श्वास को धीरे-धीरे ओम शब्द का उच्चारण करने के पश्चात मधुर आवाज में कंठ से भौंरे के समान गुंजन करें।
  • नाक से श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ दे।
  • पूरा श्वास निकाल देने के पश्चात भ्रमर की मधुर आवाज अपने आप बंद होगी।
  • इस प्राणायाम को तीन से पांच बार करें।
लाभ:-
  • वाणी तथा स्वर में मधुरता आती है।
  • ह्रदय रोग के लिए फायदेमंद है।
  • मन की चंचलता दूर होती है एवं मन एकाग्र होता है।
  • पेट के विकारों का शमन करती है।
  • उच्च रक्त चाप पर नियंत्रण करता है।
धन्यवाद !
किरण साहू
रायगढ़ (छ.ग.)
Blog: www.hamarisafalta.com
Email: hamarisafalta@gmail.com

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