ज़िन्दगी जीने के लिए है जरुरि है --अधूरापन
दोस्तों, आज मै आप सब को ये बताते हुए बहुत अच्छा फील कर रहा hu , radiantgaurav.com के माध्यम से , अधूरापन word सुनते हि मन एक नेगेटिव thought आ जाती है | क्यूंकि यह सब्द आपने आप में कमी को दर्शाता है |पर सोचिये कि अगर थोरी सी कमी जीवन में न हो तो जीवन ख़त्म सा नहीं हो जायेगा ?
अगर आप ध्यान दीजिये तो आदमी को काम करने के लिए प्रेरित हि यह कमी करती है ,|
हम कोई भी कदम हम आपने अन्दर कमी को भरने के लिए करते है ,या आपने लाभा के लिए करते है ,हम आपने खालीपन को भरने के हि दिशा में उठते है .
हमारे अंदर कुछ जन्मजात शक्तिया होति है ,हम सब ये देखते भी है ,कि हर इनसान में कुछ न कुछ जन्मजात शक्तिया होति है .ऐसा psychologists का भी कहना है ,महुष्य के अंदर कुछ जन्म जात से हि कुछ सक्तिया होति है , जो किसी भी नकारत्म भाव से दूर जाने और abailable आप्शन में से बेस्ट आप्शन को चुनने के लिए परेरित करते है ,कोई भी ची जो जीवन में असंतुलन लाती है , उससे संतुलन कि और ले जाने कि काम करती है .
अगर कमी न हो तो जरुरत नही होगी ,जरुरत नही होगी तो अकर्सन नहीं होगा , और आकर्सन न हो तो aim,लक्ष्य नही होगा ,
सपोज that अगर भूख न लगे तो खाने का सवाल हि नहीं उठता है |
इस्व्लिये आपने जीवन में कोई भी कमी है तो उससे पूरा करने के लिए उसे नेगेटिव ढंग से देखना सही नहीं है
मतलब कि आपने जीवन कि किसी भी कमी को नेगेटिव ढंग से देखना सही नहीं है |
असं बात तो यह है कि ,यही अधूरापन हमारे लिए एक प्रेरक कि काम करती है |
दोस्तों, कमिय लगभग सभि के जीवन में होते है , बस उसके रूप और स्टार अलग अलग होते है | और इस दुनिया का हर काम उसी कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है ,और किया जा रहा है है ,और किया जाता रहेगा |जैस जैस भी व्यवहार हो,रोज का काम किया जाता है रहेगा| चाहे जैसा भी काम हो रोज का काम हो,ऊफिस जाना हो , प्रेम सम्बन्ध हो , किसी से नये रिश्ते बनाने कि सारे काम जीवन के खालीपन को भरने के लिए हि किया जाता है | हा ऐसा जरुर होता है कि कुछ लोग आपनी जरुरत को पूरा होने के बाद भी ,उसकी बेहतरीन के लिए काम करते रहते है |
चाहे आप किसी भी घटना को ले लीजिये . example में ,आजादी कि लड़ाई,कोई क्रांति ,छोटे अपराध या प्रिप्कार , चाहे कोई भी काम को , हर काम में किसी न किसी प्रकार के अधूरापन को पूरा करने के लिए किया जाता है |
कई सोधो से तो ये proof भी हो चूका है , कि आदमी किस तरह कि कपर पहनता है ,किस तरह कि किताबे पढता है , किस तरह कि चीजे पसंद करता है | कैसी संस्था को लिखे करता है , किस तरह के प्रोग्राम पसंद करता है , सब कुछ आपने जीवन कि उस्सी कमी को दूर करने के लिए है ?
महँ psychologist maslow ने कहा कि
कि व्यक्ति कि जीवन ,पञ्च प्रकार के जरुरत के आस पास घूमता है |
- SELF ACTUALIZATION
- ESTEEM NEEDS
- SOCIAL NEEDS
- SAFETY NEEDS
- PHYSIOLOGICAL NEEDS
AB HINDI ME
- मौलिक जरूरते : AS भूख ,प्यास ,और सेक्स कि |
- सुरक्षा कि
- संबंधो और प्रेम कि
- आत्म सम्मान कि
- अत्मसिधि कि , जिसमे मनुसय आपने पॉवर को पूरी तरह से प्रोग करता है
बताई गयी साड़ी
जरूरत नही कि हम maslow'S hierarchy of needs me बताई गयी साडी स्टेज को फॉलो कर पहच हि जाये , ये कोई जरुरि नही ,लेकिन कोशिस करे
कई घटना ऐसी सुनने में आती है , जहा लोगो ने आपने जीवन कि कमियों को पूरा ताकत में बदला ,जिसके कारन पूरी दुनिया उन्हें जानती है |
इसमें सबसे ऊपर अल्बर्ट आइन्स्टीन और abraham लिंकन के नाम सबसे ऊपर आता है |
Albert einstein जन्म से हि learning disability का शिकार थे, वः चार साल तक बोल नहीं पाते थे और nine स्सल tतक उन्हें पढना नही आता था| औरcollege Entrance ke pahle attempt me vo Fail भी हो गए थे|पर फिर भी उन्होंने जो कर दिखाया वः अतुलनीय है |
अब्राहम लिंकन ने भ अपने जीवन में हेल्थ से related कई प्रोब्लेम्स फेस कि | उनोहोने भी अआपने जीवन में कई बार हर कि सामना कि , एक बार तो उनका नर्वस ब्रेक डाउन भी हो गया ,पर भी वे ५२ साल कि उम्र में अमेरिका के सोलहवे presedent बने |
सच में हि इनसान चाहे तो आपने जीवन कि अधूरेपन कि हि आपने प्रेरणा को हि आपनी सबसे बार स्रोत बना सकता है
जो अधूरापन हमें जीवन में कुछ करने कि प्रेरणा दे , भला वह नेगेटिव कैसे हो सकता है.
अब आप जरा सोचिये कि कि अगर आपके जीवन में अधूरापन हमारे जीवन में न हो तो ,जीवन कितन अधुरा हो जाये !!!!!
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