Friday 19 August 2016

धरती से हिमालय के शिखर तक ( From Zero to the top) our Greatest lies weakness giving these sub .

                                                               Hindi inspirational story                     

धरती से हिमालय के शिखर तक ( From Zero to the top)  our Greatest lies weakness giving these sub  




 From Zero to the top   inspirational story  !   


दोस्तों अक्सर , हमलोग  सफल लोगो कि कहानी सुनते है ..........................................   जब हम सफल लोगो कि कहानी सुनते है तो उनसे हमें  , एक प्रेरणा मिलती है , और हमारा आत्म्बिश्वास भी काफी बढ़ता है, लगता है , मै ये कर सकता हु....  और हमारा जोश  एक नेटवर्क कि तरह काम करता है , और हमें , आये कि और इशरा  करना शुरू कर देती है., और हमारा mind काफी अछि तरह से मोटीवेट भी हो जाता है . और हम भी एक अछे मुकाम के लिखे आपने आप को मानने लगते है, 
 और हम  बन भी जाते है.
आज मै आपसे एक ऐसे हि व्यक्ति के बारे में बात करूँगा  जिनोहोने आपने अछे सोच के कारण FROM ZERO SE TOP  तक का सफ़र किया और  जिसे हम हिंदी में दूरदर्शी सोच भी कह सकते है.  
इन्होने आपने दूरदर्शी सोच के कारन  आज   जैसे धरती से हिमालय कि  उचाई तहक कि सफ़र किया .
 मै बात कर रहा हु, निरमा  ब्रांड   के संस्थापक  करसन भाई  पटेल कि ,  जिनकी प्रेरणात्मक कहानी हम सब को मोटीवेट करता है .Image result for karsan patel




दोस्तों करसन भाई कि नाम भारतीय bussines के इतिहास में लिखा जाएगा | इसक कारन सिर्फ यही नहीं है कि उन्होंने सिर्फ ZERO to top पे पहुचे . इसक  मूल कारन है कि भारत में कपरे धोने के साबुन के जगह ,  डिटर्जेंट को पोपुलर बना दियेगो   






मै जो आपको बता रहा हु.यह कहानी उसी इनसान कि है , जो वर्षो तक कड़ी म्हणत कर  ......,,,, जिन्होंने   opportunity ko pahchana और आपनी कुशलता से उसका दोहन किया | करसन भाई पटेल  ने आपनी दूरदर्शी  सोच से यह  पता  से यह पत लगा लिया कि      , सस्ता देजेर्तेंत पौडर  बहुत लोकप्रिय हो सकता है |    इस विचार पर अमल करते  हुए   उन्होंने  निरमा  ब्रांड का पिला   डिटर्जेंट  पौडर  तैयार किया और बाजार में उतरा 


 निरमा के कम दाम के कारन hosewife  ने इसमें प्रयोगशाला कियागया ,  ,  कम दाम हि निरमा का एक बहुत बड़ा  कारन थी. सुरुआत में करसन भाई का निरमा मात्र 3. 30  रूपये  किलो मिलता था .
जबकि हिन्दुस्तान लीवर कि  कीमत सिर्फ 15 रूपये थी सर्फ़ कि  क्वालिटी काफी अछि थी लेकिन निरमा काफी  सस्त्य था ..
 कीमत कम होने कि वजह से ,  जो ये हम भारतीयों के बीच काफी  लोकप्रिय हो गया |



१९७७ में करसन भाई ने रेडियो पर ऐड देना ओपन किया , सिनेमाघरों में भी निरमा का ऐड दिखाई देने लगा , बाद में टीवी पर भी विझ्यापन  का सिलसिला स्टार्ट हो गया , जल्द हि निक्र्मा कि राष्ट्रीय स्टार पर पहचान बन गयी ., निरमा  आपने कम कीमत कि वजह से हिन्दुश्तन लीवर कि सर्फ़ को कई इलाको में पिउछे छोर दिया , 

उन्होंने ने  कही भी मनेग्मेंट कि क्लास नही ली , ये सब उनकी भुधि कि कमल है ,,,,,,,,,,,, ये सब उनकी हि सोच कि परिणामे है ...         


एक छोटे से कमरे में शुरू हुई कंपनी  आज लाखो वर्ग फुट  कि कई फैक्ट्री में फ़ैल गयी है ///////////
१९६९ में आपना ये बुस्सुनेस स्टार्ट करते समय उन्हें अपनी सरकारी नौकरी से 400 सौ कि तनख्वा मिला करती 
samay ki fer dekhiye , aaj nirma company me  14000 से  अधिक कर्मचारी हो गए हुए है . और आज ये बहुत आमिर बन चुके है.....


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ye ek bahut achhi video hai, ise jarur dekhe....




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