Monday 2 May 2016

जीवन कि डोर

जीवन कि डोर 

Fairy Tales in hindi/ परी कथा


एक बहुत सुंदर सी पारी कथा


 गौरव  क्लास 8 का स्टूडेंट था |वह  जब क्लास में होता था ,तब वह बहार खेलने के बारे में सोचता  और जब उसे मौका मिल जाता , तो वह कही गुमने के बारे में सोचता  .................. इस तरह से कभी भी persent मूवमेंट का एन्जॉय नही करता  हा लेकिन वह कुछ न कुछ आगे का सोचते रहता | उसके घर वाले और उसके दोस्त भी उसका इस आदत से परेसान थे |
एक बार गौरव अकेले हि पास के जंगलो में गुमने के लिए निकल गया |
थोरी हि दूर चलने के बाद उससे थकन हो गया और  वह वही नरम घासों पे सो गया |
उसे जल्द हि नींद आ गयी ,और वह सो गया |


 सोने के कुछ देर बाद उस जंगल से आवाज आई "गौरव .............गौरव ..........."


गौरव ने जब आखे खोली तो उससे सफ़ेद वस्त्र में एक परी  दिखाई दी | वह बहुत हि सुंदर  थी, और उसने आपने  एक हाँथ में  जादुई छरी  ली हुई थी ,और दुसरे  हाँथ में  एक मजिकल  वाल  ली हुई थी |उस बॉल से एक सुनहरा धागा लटका हुआ था |


गौरव ने परी को देख कर खुसी से झूम उठा |कुछ देर परी से बात करने के बाद बोला ,"आपके हाँथ में छरी है ,उसे तो मै जानता हु . लेकिन ये जो आपने बॉल ली हुई है ,और इससे सुनहरा धागा कैसा लटक रहा है ?

परी  मुस्कराई , और बोली गौरव  ये कोई माम्मुली  धागा नही है ; दरअसल ये तुम्हारी जीवन कि डोर है |
अगर गौरव तुम इससे धीरे से खिचोगे  तो तुम्हारे जीवन के कुछ  घंटे  सेकेंड्स में बिट जायेंगे ,अगर इससे थोरा तेजी से खिचो गे   तो पूरा दिन कुछ मिनटों में बिट जाएगा |''

 गौरव ने परी  से कहा क्या आप मुझे ये दे सकती है ?' गौरव ने बरी हि उत्सुकता से पूछा |


हा - हा , क्यों नही ,ये लो पकरो , हा मगर एक बात का ध्यान रहे कि जब तुम एक बारअगर समय में तुम आगे चले गए तो  तो ,तुम पीछे नही आ सकते हो |','''''''''''''''''''''''''''''''''''''  परी  ने पूरा जीवन कि डोर गौरव कि हांथो में थमाते हुये कही और तुरंत अदृष हो गयी |

अगले दिन गौरव क्लास में बैठे खेलने के बारे में सोच रहा था ,, पर वह टीचर के रहते वह बहार जाता भी तो कैसे ?

 तभी उसे परी द्वारा  दी गयी बॉल का ख्याल आया , और उसने बॉल को निकाली और डोर को जरा सा खीच दिया ...,,.,.,.,., और वह कुछ सेकेंड में वह मैदान में खेल रहा था |
गौरव ने मन हि मन सोचा कि वह मजा आ गया |


फिर वह कुछ देर खेलता रहा ,पर मौजूदा वक्त में न जीने कि आदत के अनुसार , वह फिर से कुछ देर में हि उब  गया , और सोचने  लगा कि ये बच्चे कि तरह में जीने का कोई मजा नहीं , क्यों न मै आपनी जीवन कि डोर को खीच कर जवानी में चला जाऊ ||


और उस्सने वैसा हि किया , और झटपट  उसने डोर कुछ तेजी से खीच दी |


गौरव अब एक सदी सुदा आदमी बन चूका था , और आपने दो प्यारे प्यारे बच्चे के साथ रह रहा था ,| उस्सकी प्यारी माँ जो उससे जान से भी ज्यादा चाहती थी , वह अब बूढी हो चुकी थी , और पिता जो उससे आपने कंधो पर बैठा कर गुमाते थे , ओ अब बूढ़े  और बीमार हो चुके थे |

 इस परिवर्तन से गौरव थोरा दुखी जरुर था ,आपने माता पिता के लिए थोरा दुखी जरुर था , पर उसका आपना परिवार और आपने बच्चे हो जाने के कारन  उससे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था |
कुछ दिन सब ठीक थक चला , लेकिन गौरव ने कभी आपने वर्तमान के साथ जीना सीखा हि नहीं  था,
कुछ दीन बाद वह सोचने लगा कि मेरे ऊपर मेरे परिवार कि कितनी जिमेदारी आ गयी है , बछो को सम्ब्व्हालना इतना असं नहीं , ऊपर से ऑफिस कि टेंशन अलग है | और माता - पिता का भी स्वस्थ ठीक नही रहता ..,.,.,.
इससे अच्छा तो मै रीतएर हो जाता , और आराम कि ज़िन्दगी जीता |'

और यही सोचते सोचे  गौरव ने जीवन कि डोर को पूरी ताकत से खीच दिया |

कुछ हि दिनों में वह एक 80 साल का बूढा हो गे , और अब सब कुछ बदल चूका था , और उसके सारे बाल सफेद हो चुके थे , झुरिया लटक रही थी और उससके माता पिता उससे कब के छोर के जा सके थे , यहाँ तक कि उसकी प्यारी पत्नी किसी बीमारी के कारन मर चुकी थी | और घर मे बिलकुल आकेला था , हा कभी कभी दुसरे सहरो में बसे  उसके बचे उससे बात कर लेते थे |




जीवन में पहली बार उसे गौरव को एहसास हो रहा था कि  उस्सने कभी आपनी जिंदगी को एन्जॉय नही क्या ,,,,, उस्सने न कभी स्कूल डे में मस्ती कि और न हि कभी कॉलेज का मुह देखा , और न हि आपनी पत्नी के साथ कही गुमने गया | और न हि आपने माता पिता के साथ अछे पल बिता सके ,,,, वह आपने बच्चो का बचपन सही से देख पाया ..,.,. आज गौरव बहुत दुखी था  
आपना बिता हुआ कल देखकर वह समझ  प् रहा था कि आपनी बेचैन  और ब्याकुलता  में उसने जीवन कि कितनी  साडी छोटी छोटी खुसिया उ हि गवा दी |


आज उससे ओ दिन याद आ रहा था  जब परी नइ उससे वो मजिकल  बॉल दी थी .... एक बार फिर उठा और और उस्सी जंगल में जाने लगा  और बचपन में वह जिस जगह परी से मिला था व्ही फिर से महूस बैठ गया , और अनसु बहाने लगा |

तभी किसी कि आवाज आई """ गौरव ..........गौरव "'


जब गौरव ने पलट कर देखा तो उसे फिर से व्ही पारी दिखाई दी , उसके सामने खरी थी |



परी ने गौरव से पुचा कि क्या तुमने मेरा स्पेशल गिफ्ट  का एन्जोइय किया ?''

 पहले तो ओ मुझे अच्छा लगा , पर अब मुझे उस गिफ्ट से नफरत है |' गौरव ने क्रोध में बोला ,'' मेरे आँखों के सामने मेरा पूरा जीवन बित गे और  मुझे इसक आनंद लेने का मौका तक नहीं मिला |
हा अगर मै आपनी जिंदगी नार्मल तरीके से जीता तो मुझे सुख के साथ दुःख भी होता ,  पर मजिकल बॉल के कारण  मै उस में से किसी का अनुभव नही कर पाया |आज मै अन्दर से खाई महसूस कर रह हु ... मैंने भगवन का दिया ये अनमोल जीवन बर्बाद कर दिया | '' गौरव निराश होते हुए बोला |


 ओह्ह्ह  तुम तो मेरे गिफ्ट के सुक्रगुजर होने कि बजे उसकी बुराई कर रहे हो .... खाई मै तुम्हे एक और गिफ्ट दे सकती हु ... बताओ क्या चाहिए तुम्हे /'' परी ने पूछा |



गौरव को यकीं न हुआ कि उससे एक और बरदान मिल सकता है ; वह खुसी  से भाबुक हो कर बोला ..,.. मम मम  ,मै ...मै फिर से स्कूल बॉय बन सकता हु , मै समझ चूका हु कि जीवन का हर एक पल जीना चाहिए ,  जो अभी को कोसता है , ओ कभी खुस नही हो पत .... उसका जीवन खोखला रह जाता हैं ...  प्लीज ...प्लीज मुझे मेरे पुराने दिन लौटा दो ....प्लीज... प्लीज 


तभी एक आवाज आती है ... उठो बीटा ...तुम यहाँ ... इन जंगलो में कैसे  आ गए ...    और ये सपने में प्लीज प्लीज क्या बर्बर रहे  थे |///./

 रमेश आखे खोलता है ... आपनी माँ को आँखों के सामने देख कर वह कसकर उनसे लिफ्ट कर  फुट फुट कर रोने लगता है |



और गौरव मन हि मन पारी का सुक्रिया ऐडा करता है , और कसम खता है कि वह जीवन को अनमोल पालो को पूरी तरह जियेगा ...    और    दे ड्रीमिंग  और कल के बारे में सोच कर  आपने आज को  बर्बाद नहीं करेगा |






दोस्तों , क्या आप खुद को गौरव से रिलेट करे , कई बार ऐस्डा होता है कि हम आज कि खूबसूरती को इसलिए नहीं देख पाते कि  क्युकी हम एक सुंदर कल कि बारे में सोचने में खोये रहते है ....   कई बार कैसी घटना जो नही  घाटा उस्सकी चिंता में आज कि चिंता को जला देते है  , हमें खुशियों के छोटे से छोटे पालो को जीना चाहिए  पूरी अछि तरह से , जीवन कि डोर अगर एक बार खीच जाती है तो फिर लौट कर नहीं आती है ,,,,


हा दोस्तों मै आपको बता दू  कि  किसी ने सुच हि कहा है कि बिता हुआ कल कभी नहीं आएगा  और आने वाला कल  सायेद कभी न आये   .............  आज हि आपनी ज़िन्दगी जी लो और खुसिया मना लो |

आप इस बारे बारे में क्या सोचते है / प्लीज आप कमेंट कमे माध्यम से आप आपनी थॉट्स शेयर करे 



थैंक यू 




1 comment:

  1. dosto , अगर आपके पास भी ऐसी कोई लेख है ,तो आप हमें सेंड जरुर करे

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