Tuesday 31 May 2016

आख़री सफ़र travel month

आख़री सफ़र


final-journey

(अमरीकन लेखक केंट नेर्बर्न ने आध्यात्मिक विषयों और नेटिव अमरीकन थीम पर कई पुस्तकें लिखीं हैं. नीचे दिया गया प्रसंग उनकी एक पुस्तक से लिया गया है)
बीस साल पहले मैं आजीविका के लिए टैक्सी चलाने का काम करता था. घुमंतू जीवन था, सर पर हुक्म चलानेवाला कोई बॉस भी नहीं था.



इस पेशे से जुडी जो बात मुझे बहुत बाद में समझ आई वह यह है कि जाने-अनजाने मैं चर्च के पादरी की भूमिका में भी आ जाता था. मैं रात में टैक्सी चलाता था इसलिए मेरी टैक्सी कन्फेशन रूम बन जाती थी. अनजान सवारियां टैक्सी में पीछे बैठतीं और मुझे अपनी ज़िंदगी का हाल बयान करने लगतीं. मुझे बहुत से लोग मिले जिन्होंने मुझे आश्चर्यचकित किया, बेहतर होने का अहसास दिलाया, मुझे हंसाया, कभी रुलाया भी.




इन सारे वाकयों में से मुझे जिसने सबसे ज्यादा प्रभावित किया वह मैं आपको बताता हूँ. एक बार मुझे देर रात शहर के एक शांत और संभ्रांत इलाके से एक महिला का फोन आया. हमेशा की तरह मुझे लगा कि मुझे किन्हीं पार्टीबाज, झगड़ालू पति-पत्नी-प्रेमिका, या रात की शिफ्ट में काम करनेवाले कर्मचारी को लिवाने जाना है.
रात के ढाई बजे मैं एक छोटी बिल्डिंग के सामने पहुंचा जिसके सिर्फ ग्राउंड फ्लोर के एक कमरे की बत्ती जल रही थी. ऐसे समय पर ज्यादातर टैक्सी ड्राईवर दो-तीन बार हॉर्न बजाकर कुछ मिनट इंतज़ार करते हैं, फिर लौट जाते हैं. लेकिन मैंने बहुत से ज़रूरतमंद देखे थे जो रात के इस पहर में टैक्सी पर ही निर्भर रहते हैं इसलिए मैं रुका रहा.
यदि कोई खतरे की बात न हो तो मैं यात्री के दरवाजे पर पहुँच जाता हूँ. शायद यात्री को मेरी मदद चाहिए, मैंने सोचा.
मैंने दरवाजे को खटखटाकर आहट की. “बस एक मिनट” – भीतर से किसी कमज़ोर वृद्ध की आवाज़ आई. कमरे से किसी चीज़ को खसकाने की आवाज़ आ रही थी.
लम्बी ख़ामोशी के बाद दरवाज़ा खुला. लगभग अस्सी साल की एक छोटी सी वृद्धा मेरे सामने खड़ी थी. उसने चालीस के दशक से मिलती-जुलती पोशाक पहनी हुई थी. उसके पैरों के पास एक छोटा सूटकेस रखा था.
घर को देखकर यह लग रहा था जैसे वहां सालों से कोई नहीं रहा है. फर्नीचर को चादरों से ढांका हुआ था. दीवार पर कोई घड़ी नहीं थी, कोई सजावटी सामान या बर्तन आदि भी नहीं थे. एक कोने में रखे हुए खोखे में पुराने फोटो और कांच का सामान रखा हुआ था.
“क्या तुम मेरा बैग कार में रख दोगे?” – वृद्धा ने कहा.
सूटकेस कार में रखने के बाद मैं वृद्धा की सहायता के लिए पहुंचा. मेरी बांह थामकर वह धीमे-धीमे कार तक गयी. उसने मुझे मदद के लिए धन्यवाद दिया.
“कोई बात नहीं” – मैंने कहा – “मैंने आपकी सहायता उसी तरह की जैसे मैं अपनी माँ की मदद करता.”
“तुम बहुत अच्छे आदमी हो” – उसने कहा और टैक्सी में मुझे एक पता देकर कहा – “क्या तुम डाउनटाउन की तरफ से चल सकते हो?”
“लेकिन वह तो लम्बा रास्ता है? – मैंने फ़ौरन कहा.
“मुझे कोई जल्दी नहीं है” – वृद्धा ने कहा – “मैं होस्पिस जा रही हूँ”.
(होस्पिस में मरणासन्न बूढ़े और रोगी व्यक्ति अपने अंतिम दिन काटते हैं.)
मैंने रियर-व्यू-मिरर में देखा. उसकी गीली आंखें चमक रहीं थीं.
“मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है” – उसने कहा – “डॉक्टर कहते हैं कि मेरा समय निकट है”.
मैंने मीटर बंद करके कहा – “आप जिस रास्ते से जाना चाहें मुझे बताते जाइए”.
अगले दो घंटे तक हम शहर की भूलभुलैया से गुज़रते रहे. उसने मुझे वह बिल्डिंग दिखाई जहाँ वह बहुत पहले लिफ्ट ऑपरेटर का काम करती थी. हम उस मोहल्ले से गुज़रे जहाँ वह अपने पति के साथ नव-ब्याहता बनकर आई थी. मुझे एक फर्नीचर शोरूम दिखाकर बताया कि दसियों साल पहले वहां एक बालरूम था जहाँ वह डांस करने जाती थी. कभी-कभी वह मुझे किसी ख़ास बिल्डिंग के सामने गाड़ी रोकने को कहती और अपनी नम आँखों से चुपचाप उस बिल्डिंग को निहारते रहती.
सुबह की लाली आसमान में छाने लगी. उसने अचानक कहा – “बस, अब और नहीं. मैं थक गयी हूँ. सीधे पते तक चलो”.
हम दोनों खामोश बैठे हुए उस पते तक चलते रहे जो उसने मुझे दिया था. यह पुराने टाइप की बिल्डिंग थी जिसमें ड्राइव-वे पोर्टिको तक जाता था. कार के वहां पहुँचते ही दो अर्दली आ गए. वे शायद हमारी प्रतीक्षा  कर रहे थे. मैंने ट्रंक खोलकर सूटकेस निकाला और उन्हें दे दिया. महिला तब तक व्हीलचेयर में बैठ चुकी थी.
“कितने रुपये हुए” – वृद्धा ने पर्स खोलते हुए पूछा.
“कुछ नहीं” – मैंने कहा.
“तुम्हारा कुछ तो बनता है” – वह बोली.
“सवारियां मिलती रहती हैं” – मैं बोला.
अनायास ही पता नहीं क्या हुआ और मैंने आगे बढ़कर वृद्धा को गले से लगा लिया. उन्होंने मुझे हौले से थाम लिया.
“तुमने एक अनजान वृद्धा को बिन मांगे ही थोड़ी सी ख़ुशी दे दी” – उसने कहा – “धन्यवाद”.
मैंने उनसे हाथ मिलाया और सुबह की मद्धम रोशनी में बाहर आ गया. मेरे पीछे एक दरवाज़ा बंद हुआ और उसके साथ ही एक ज़िंदगी भी ख़ामोशी में गुम हो गयी.
उस दिन मैंने कोई और सवारी नहीं ली. विचारों में खोया हुआ मैं निरुद्देश्य-सा फिरता रहा. मैं दिन भर चुप रहा और सोचता रहा कि मेरी जगह यदि कोई बेसब्र या झुंझलाने वाला ड्राईवर होता तो क्या होता? क्या होता अगर मैं बाहर से ही लौट जाता और उसके दरवाज़े तक नहीं जाता?
आज मैं उस घटनाक्रम पर निगाह डालता हूँ तो मुझे लगता है कि मैंने अपनी ज़िंदगी में उससे ज्यादा ज़रूरी और महत्वपूर्ण कोई दूसरा काम नहीं किया है.
हम लोगों में से अधिकांश जन यह सोचते हैं कि हमारी ज़िंदगी बहुत बड़ी-बड़ी बातों से चलती है. लेकिन ऐसे बहुत से छोटे दिखनेवाले असाधारण लम्हे भी हैं जो हमें खूबसूरती और ख़ामोशी से अपने आगोश में ले लेते हैं.

BIHAR ITI LIST OF ALL TOP & BEST ITI COLLEGES IN BIHAR .......... NCVT ITI INSTITUTESIN BIHAR ALL COLLEGE IN BIHAR

Image result for itiNCVT Approved List of Top ITI Colleges in Bihar



The ITI or Industrial Training Institutes announces the admissions to its different courses for the session 2015-16 from all the eligible candidates. The candidates qualifying in the eligibility as required for this purpose can apply online from the portal of the Directorate General of Employment & Training, Ministry of Labor, and Government of India. The candidates interested to apply for the NCVT Approved ITI Courses can take a look at the College details as given below:





Ambey ITI
Road No-1, Awadhpuri, Chandawa
Bhojpur, Bihar


Buddha Industrial Training Centre
Behind Power Grid, Near Police Line
Nawada, Bihar


Dr. M.P. Singh Industrial Training Centre
Magistrate Colony, Near Shyamal Hospital Ashiyana Nagar
Patna, Bihar – 800025,


Government Industrial Training Institute
Katihar, Bihar


Government Industrial Training Institute
Motihari
Purba Champaran, Bihar


Government Industrial Training Institute
Bettiah
Pashchim Champaran, Bihar – 845438,


Government Industrial Training Institute
Munger, Bihar


Government Industrial Training Institute
Bodh Gaya Road
Gaya, Bihar – 823001,
India – (0631)2420331


Government Industrial Training Institute (ITI)
Hathwa
Gopalganj, Bihar
India – (01650)231337


Government Industrial Training institute (ITI)
Dumra
Sitamarhi, Bihar
India


Government Industrial Training Institute (ITI)
Hajipur
Vaishali, Bihar
India


Harsh Industrial Training Centre
Behind CRPF Head Quarter, Road No.- 24, Rajiv Nagar
Patna, Bihar – 800024,
India – (0612)2936150


Imarat Mojibia Technical Institute
At. Moh. Mahdauli, (Near Sadar P.S. Town) Darbhanga
Darbhanga, Bihar
India – (06272)220017


Imarat Mujibia Technical Institute
Moh. Mahdauli, Near Sadar P.S. Town
Darbhanga, Bihar
India – (06272)220017


Imarat Technical Institute
Gulab Bagh
Purnia, Bihar
India – (06454)234829


Industrial Training Institute (I.T.I.)
Post Office- Laheria Sarai
Darbhanga, Bihar
India – (06272)240173


Industrial Training Institute (I.T.I.)
Dighaghat
Patna, Bihar – 800011,
India – (0612)2262529


Industrial Training Institute (ITI)
Ghoghardiha
Madhubani, Bihar
India


Industrial Training Institute (ITI)
Birpur
Supaul, Bihar
India – (06471)222027


Industrial Training Institute (ITI)
P.O. Suhirdya Nagar
Begusarai, Bihar – 851218,
India


Industrial Training Institute (ITI)
Nai Basti, Malviya Nagar, Mahadeva Land Mark- Prabhawati Devi Mahila College
Siwan, Bihar – 841226,
India


Krishna Industrial Training Centre
Banu Chapar, Bettiah, West Champaran
Pashchim Champaran, Bihar – 845438,
India – (06254)246276


Mahatma Gandhi Industrial Training Institute
Dehri-On-Sone
Rohtas, Bihar
India


Mahavir Industrial Training Institute
Mahavir Cold Storage, Khagari Road, Takiyapar, Danapur
Patna, Bihar – 800012,
India


Mata Ahilya Industrial Training Institute
Near R.Lal College, Barbigha
Sheikhpura, Bihar
India


Maulana Minnatullah Rahmani Memorial Technical Institute (ITI)
Phulwari Sharif
Patna, Bihar
India
(0612)2555212, 255678


MESBAI Emplyment Training Institute
Khajpura, Baily Road
Patna, Bihar – 800014,
India – (0612)6523688, 2590480


Mukul Industrial Training Centre
Mirganj
Gopalganj, Bihar – 841438,
India – (06150)231491


Namda Industrial Training Centre
Aanand Nagar, Bankers Colony, Dumra Road, Sitamarhi
Patna, Bihar
India – (06226)251280


Pathak Institute of Electronics and Technology
Old SBI Building (Near Chandan Automobile New Showroom), Kankarbagh Main Road
Patna, Bihar
India – (0612)2902232


Reyaz Industrial Technical Institute
Sathi
Chapra, Bihar
India – (06253)252782


S.K. Industrial Training Center
Priydarshi Nagar, Baily Road, P.O. Danapur Cantt
Patna, Bihar – 801503,
India – (0612)3253652


S.R.M. Industrial Training Center
Digha Ghat
Patna, Bihar – 800011,
India


Sarvodaya Industrial Training Institute
Sareya Ward No.1, Jadopur Road, Near Sarswati Cinema, Gopalganj
Gopalganj, Bihar – 841428,
India


St. M.G.R. Iyengar Industrial Training Center
A.N. Path North S.K. Puri Opp. A.N College
Patna, Bihar – 800013,
India – (0612)6455236


Sujan Pvt. Industrial Training Centre (ITI)
Rasalpur, Gaya-Patna Road,
Gaya, Bihar – 823003,
India – (0631)6061004


Sunayana Industrial Training Institute (I.T.I.)
Ring Bandh, Ram Padharth
Sitamarhi, Bihar – 843302,
India


Tarachandi Industrial Training Centre
In Front of Shaundik High School Rajpur
Rohtas, Bihar – 802219,
India


Techno Industrial Training Centre
Near Mahavir Cancer Sansthan, Opposite of R.S. Motors T.V.S. Showroom, Main Road Phulwari Sharif
Patna, Bihar – 801505,
India – (0612)2555501


Universal Industrial Training Center
Bihar, Mahatma Nagar, Kankarbag
Patna, Bihar
India


Vidya Industrial Training Centre
Gramin Vidya Vikas Samiti Gandhi Maidan Masaurhi
Patna, Bihar – 8004452,
India


Vijay Industrial Training Centre
Mirganj
Gopalganj, Bihar – 841438,
India


Women’s Industrial Training Institute
Anaith (Mathiya) Ara
Bhojpur, Bihar – 802301,
India – (06182)234650

पागलपन : Madness

पागलपन : Madness







thor's well

एक ताकतवर जादूगर ने किसी शहर को तबाह कर देने की नीयत से वहां के कुँए में कोई जादुई रसायन डाल दिया. जिसने भी उस कुँए का पानी पिया वह पागल हो गया.
सारा शहर उसी कुँए से पानी लेता था. अगली सुबह उस कुँए का पानी पीनेवाले सारे लोग अपने होशहवास खो बैठे. शहर के राजा और उसके परिजनों ने उस कुँए का पानी नहीं पिया था क्योंकि उनके महल में उनका निजी कुआं था जिसमें जादूगर अपना रसायन नहीं मिला पाया था.
राजा ने अपनी जनता को सुधबुध में लाने के लिए कई फरमान जारी किये लेकिन उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि सारे कामगारों और पुलिसवालों ने भी जनता कुँए का पानी पिया था और सभी को यह लगा कि राजा बहक गया है और ऊलजलूल फरमान जारी कर रहा है. सभी राजा के महल तक गए और उन्होंने राजा से गद्दी छोड़ देने के लिए कहा.
राजा उन सबको समझाने-बुझाने के लिए महल से बाहर आ रहा था तब रानी ने उससे कहा – “क्यों न हम भी जनता कुँए का पानी पी लें! हम भी फिर उन्हीं जैसे हो जायेंगे.”
राजा और रानी ने भी जनता कुँए का पानी पी लिया और वे भी अपने नागरिकों की तरह बौरा गए और बेसिरपैर की हरकतें करने लगे.
अपने राजा को ‘बुद्धिमानीपूर्ण’ व्यवहार करते देख सभी नागरिकों ने निर्णय किया कि राजा को हटाने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने तय किया कि राजा को ही राजकाज चलाने दिया जाय.
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A powerful wizard, who wanted to destroy an entire kingdom, placed a magic potion in the well from which all the inhabitants drank. Whoever drank that water would go mad.
The following morning, the whole population drank from the well and they all went mad, apart from the king and his family, who had a well set aside for them alone, which the magician had not managed to poison.
The king was worried and tried to control the population by issuing a series of edicts governing security and public health.
The policemen and inspectors, however, had also drunk the poisoned water, and they thought the king’s decisions were absurd and resolved to take no notice of them.
When the inhabitants of the kingdom heard these decrees, they became convinced that the king had gone mad and was now giving nonsensical orders. They marched on the castle and called for his abdication.
In despair the king prepared to step down from the throne, but the queen stopped him, saying:
‘Let us go and drink from the communal well. Then we will be the same as them.’
The king and the queen drank the water of madness and immediately began talking nonsense. Their subjects repented at once; now that the king was displaying such wisdom, why not allow him to continue ruling the country?thor's well


वे बातें जो मैं अब नहीं करता… और क्यों नहीं करता…, they are thing which i do not now

वे बातें जो मैं अब नहीं करता… और क्यों नहीं करता…

thinking by kacper gunia

अब मैं ईश्वर से इस तरह बातें नहीं करता जैसे वह कहीं दूर बैठा कोई निर्मम निर्मोही हो. अब वह मेरे लिए धुंए से काली हो चुकी गहरी गुफाओं में अर्धरात्रि को अपने रक्त से शपथ लेनेवाले शूरवीरों का ईश्वर नहीं है. वह मेरे भीतर ही है और मुझसे इतना प्रेम करता है जितना मैं स्वयं से नहीं करता. वह आकाश से भी अधिक स्पष्ट और असीम है.
मैं स्वयं की दूसरों से तुलना नहीं करता. हर व्यक्ति अपने बनाए हुए मार्ग पर चलता है और वही अपनी गति और लक्ष्य तय करता है. मैं अपनी ज़िंदगी को किसी रेस में तब्दील होते नहीं देखना चाहता.
मैं अपनी भावनाओं से नहीं लड़ता. मैं पत्थर का नहीं बना हूं. यदि खुशी की लहर मुझे बहा ले जाना चाहती है तो मैं बहता हूं. यदि आंसू भर आते हैं तो मैं उन्हें छलकने देता हूं.
मैं वैर नहीं पालता. जो हृदय क्षमा न कर सके वह किस काम का? प्रतिशोध की भावना से कब किसका भला हुआ?
मैं सुधार की भरसक कोशिश किए बिना किसी भी बात की शिकायत नहीं करता. किसी छोटे से बच्चे की नादान शिकायतें और तुनकमिज़ाज़ी ही सही जा सकती है. हर व्यक्ति को परिस्तिथियों में बदलाव लाने का प्रयास हर संभव सीमा तक करना चाहिए.
मैं अपने उन दोषों और कमियों के लिए शर्मिंदा नहीं हूं जिनके लिए मैं कुछ नहीं कर सकता. तुम्हें स्वीकार कर लेना चाहिए कि मैं एक मनुष्य हूं… जिसमें सुधार की संभावनाएं हमेशा मौजूद हैं. यदि तुम मुझे समझ न सको तो मुझे छोड़ देने के लिए स्वतंत्र हो.
मैं दूसरों को अपनी छड़ी से नहीं नापता. मुझे कोई अधिकार नहीं है कि मैं लोगों को अपने बनाए परफ़ेक्शन के उन स्टैंडर्ड से परखूं जिनपर मैं खुद खरा नहीं उतरता.
मैं अपने अतीत की गलतियों के लिए खुद को चोट नहीं पहुंचाता. कल की जा चुकी गलतियां मेरे आज को निर्धारित नहीं करतीं. छोटी-छोटी कामयाबियां और उज्जवल भविष्य की आस मेरा हौसला बनाए रखती है.
मैं अंधेरे को अंधेरे से नहीं काटता. बुराई का सामना बुराई से करने से यह खुद को नहीं काटती बल्कि और विशाल रूप धर लेती है.
मैं सिर्फ थकान होने पर ही विश्राम नहीं करता. यदि मैं पस्त होने से पहले ज़रा ठहरकर दो सांस ले लूंगा तो मैं कभी पस्त नहीं होऊंगा.
मैं भविष्य में इतनी देर नहीं विचरता कि अपने वर्तमान को बिसरा बैठूं. मेरे कल के सपने तभी सच होंगे जब मैं आज उनपर मेहनत करूंगा.
मैं असफल होने के भय को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता. असफल होने की संभावना होती है तो सफल होने की संभावना भी होती है. ज़िंदगी ऐसी ही होती है. मुझे नहीं पता कि मेरे प्रयासों के क्या परिणाम निकलेंगे, लेकिन इतना मैं जानता हूं कि मैं कुछ नहीं करूंगा तो 100 प्रतिशत असफल हो रहूंगा.
मैं दयालुता का मार्ग नहीं रोकता. मैं अंधेरे में प्रेम की ज्योति लेकर चलने और हर दिल को छूकर रौशन करने के लिए ही तो बना था!
मैं ज़िंदगी से मुंह नहीं चुराता और मुझे कम्फ़र्ट ज़ोन से बाहर ले जानेवाली चीज़ की अवहेलना नहीं करता. मैं नहीं चाहता कि दस साल बाद मैं इसका पछतावा करूं कि मुझे खुद को रोकना नहीं चाहिए था, बहुत सी चीज़ों में भागीदारी करनी चाहिए थी, और कई बातों में सबसे पहले आगे आने की हिम्मत दिखानी चाहिए थी.
मैं निराशा में खुद को नहीं खोता. मैं आस्था और उम्मीद की डोर थामे रहता हूं. मेरे दोस्त भी हैं और परिजन भी… और गर सब कुछ मेरा साथ छोड़ दे तो भी ईश्वर मेरे साथ सदा रहेगा.

Oreoluwa-Fakorede
नाइज़ीरियन ब्लॉगर Oreoluwa Fakorede ने जैसा Medium.com पर लिखा




Sunday 29 May 2016

कैसे बचाएं हजारों लीटर पानी और करें एक profitable business?

कैसे बचाएं हजारों लीटर पानी और करें एक profitable business?

Save Water Profitable Business in Hindiजब इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं के बारे में सोचा गया तो निकल कर आया – रोटी, कपडा, और मकान
क्योंकि जब इस बारे में सोचा गया तो किसी को ख़याल भी नहीं आया कि कभी इंसान “पानी” के लिए भी तरस सकता है। पर आज हकीकत यही है…हमारी सबसे बड़ी ज़रूरत पानी है…क्योंकि अगर जल नहीं है तो जीवन नहीं है…और जीवन नहीं है तो रोटी, कपडा और मकान किसे चाहिए?

पर अब अचानक से पानी की इतनी कमी क्यों होने लगी?

अचानक से नहीं…ये तो हम इंसानों की बरसों की करतूत का नतीजा है:
  • हमने जंगल काट दिए
  • हमने तालाब पाट दिए
  • हमने हैण्ड पाइप की जगह मोटरें लगवा लीं और ज़रूरत से कहीं अधिक पानी पृथ्वी की कोख से निकालने लगे… मानो हम प्रयास कर रहे हों कि सोने का अंडे देने वाली मुर्गी का पेट फाड़ कर एक साथ सभी अंडे निकाल लें!
  • हमने अरबों वर्ग मीटर जमीन को कंक्रीट से ढक दिया, ताकि पृथ्वी ठीक से पानी ना पी सके, मतलब एक तरफ हम mother Earth को पानी पीने नहीं दे रहे और दूसरी तरफ जो पानी उसने पिया है वो उसके गर्भ से निकाल कर उसे प्यास से तडपा भी रहे हैं

क्यों बचाएं पानी?

इसलिए ताकि हम बचे रहें। “हम” यानि मानव जाति।
यूँ तो पृथ्वी पर तीन-चौथाई हिस्से में पानी है, पर ये पानी खारा पानी है, समुद्री पानी है। फ्रेश-वाटर या वो पानी जो हम day-today life में इस्तेमाल कर सकते हैं वो पृथ्वी पर मौजूद कुल पानी का बस 3 परसेंट है।
कुल Fresh water का लगभग 68% ग्लेशियर्स के रूप में पाया जाता है, और 30 % के लगभग ग्राउंड वाटर के रूप में मौजूद है। और सिर्फ 0.3 % पानी नदियों, तालाबो, और झीलों के surface पे पाया जाता है।
मतलब ये समझिये कि पृथ्वी पर मौजूद कुल पानी का 99% तो हमारे काम के लायक है ही नहीं, बस 1% में अरबों  लोगों का काम चलना है।
लेकिन शायद कुछ लोग सोचें कि महासागरों में मौजूद पानी को पीने लायक बनाया जा सकता है और तब पानी की कमी दूर हो जायेगी।
May be, ऐसा पॉसिबल हो पाए कि लार्ज स्केल पर खारे पानी को पीने लायक बनाया जा सके। पर जब बात अरबों लोगों के requirement की होगी तब कितनी भी बड़ी मशीनरी लगा लीजिये डिमांड पूरी करना मुश्किल होगा। और अगर आप पानी produce कर भी लेते हैं तो सागर के किनारे से उसे दूर-दराज के शहरों और गाँवों तक पहुँचाना किनता मुशिकल होगा…जो भी पानी इस तरह पहुंचेगा वो आज 20 रुपये Litre बिकने वाली पानी की बोतल की तरह महंगा होगा..और सिर्फ पीने के लिए उपयोग हो पायेगा…मतलब अगर आप इस लिए आशावादी बने हुए हैं कि समुद्र में अथाह पानी है तो तैयार रहिये कि आपकी आने वाली पुश्तें साल में बस एक बार अपने जन्मदिन पर नहा पाएंगी!
अच्छा, आप सोच रहे हैं कि घर पे ना सही नदी में जाके नहा लेंगे…तो जनाब…नदियाँ तब तक बचेंगी तो ना!
एक अनुमान के मुताबिक 2025 तक पूरी दुनिया घोर पानी की किल्लत का सामना करेगी, मतलब अगले 10 साल के अन्दर ही पानी को लेकरहाहाकार मच जाएगा….और 2070 तक बहुत सारी नदियों सूख जायेंगी या सूखने की कगार पर होंगी। आज कल  भी यमन जैसे देशों में हर साल हज़ारों लोग पानी को लेकर आपस में लड़ते हैं और मारे जाते हैं, इसलिए भविष्य में दुनियाभर में ऐसा होने लगे तो इस पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
खैर, सौ बात की एक बात— “जल ही जीवन है” और “जल है तो कल है” को हलके में लेना छोडिये। अपनी जिम्मेदारी समझिये और अपने अपने स्तर पर पानी बचाइये।  ( Read this: पानी की बर्वादी रोकने के 18 तरीके )
और इसी जिम्मेदारी को निभाने का एक बहुत practical और कारगर तरीका मैं आपसे share कर रहा हूँ-

तो आइये जानते हैं कि क्या है वो तरीका?

बड़ा सिंपल है, शायद आप जानते भी हों और यूज भी कर रहे हों- वो तरीका है –
पानी की टंकी से एक ऐसी घंटी या अलार्म जोड़ने का जो पानी भरते ही बजने लगे।
I know, जब तरीका इतना आसान होता है तो लोग उसे लेकर excited नहीं होते। In fact, बहुत से लोग इस बारे में जानते भी हैं but out of laziness या water wastage के प्रति insensitivity के कारण इसे इस्तेमाल नहीं करते। But let me tell you, ये एक सचमुच बहुत powerful तरीका है और अगर आप एक water activist हैं या एक जिम्मेदार नागरिक हैं तो आपको इसे बिना किसी delay के अपनाना और लोगों को बताना चाहिए।
मेरे अपने घर में किरायेदारों की टंकियां लेकर कुल 6 पानी की टंकियां लगी हैं। रोज लोग टंकी में पानी भरने के लिए मोटर चलाते थे और अक्सर समय से मोटर बंद करना भूल जाते थे। इसकी वजह से सैकड़ों लीटर पानी बर्वाद होता था। फिर मैंने निश्चय किया कि सभी पानी की टंकियों में water overflow alarm लगाए जाएं।
इसके लिए जब एक electrician से बात की तो उसने बताया कि वो एक घंटी लगाने के Rs. 250 लेगा, जबकि सारा सामान मुझे खुद ही देना होगा! मैंने सोचा कि क्यों न खुद ही ये काम किया जाए और फिर एक दिन मैं बिजली के सामान की थोक बाज़ार गया और वहां से घंटियाँ और तार खरीद कर ले आया और एक-एक करके सभी टंकियों में फिट कर दिया।
अब जब भी टंकी भर जाती है तो अलार्म बजने लगता है और पहले जहाँ सैकड़ों लीटर पानी बर्वाद होता था, वहीँ एक बूंद भी पानी नहीं गिरता और ऊपर से बिजली की भी बचत होती है।

आइये, आपको भी बताता हूँ कि ये अलार्म कैसे फिट किया जाता है:

Step 1 : इन सामान की व्यवस्था कर लें:
  • एक घंटी
  • तार – इसका एक सिरा आपकी टंकी में लटका होगा और एक आपके रूम में switch board के पास तक आएगा।
  • टेप
  • तार छीलने के लिए ब्लेड- कई लोग दांत से भी ये काम कर लेते हैं
  • पेंचकस, प्लायर, टेस्टर
  • लकड़ी या प्लास्टिक का टुकड़ा- जो तार के सिरों के बीच दूरी बनाने के काम आएगा
  • धागा- जो लकड़ी या प्लास्टिक से तार को बाँधने के काम आएगा
  • एक जोड़ी इलेक्ट्रोड ( आप किसी पुरानी स्विच के पार्ट्स यूज कर सकते हैं)
Water Overflow Alarm
वाटर ओवरफ्लो अलार्म
Step 2: चेक करें की घंटी सही है
  • इसके लिए एक मग में पानी भर लें
  • घंटी का प्लग पॉवर स्विच में लगा दें, और स्विच ऑन कर दें
  • अब घंटी से निकले हुए दोनों तारों को मग में रखे पानी में डुबोएं
  • अगर घंटी सही होगी तो वो बजने लगेगी नहीं तो उससे कोई आवाज़ नही आएगी
                                                 या
  • घंटी को पॉवर देकर उसके बाहर निकले दोनों तारों को आपस में सटाएं
  • अगर घंटी सही होगी तो वो बजने लगेगी नहीं तो उससे कोई आवाज़ नही आएगी
Red Black Wire Bijli ka Tar
इस तरह के एक लम्बे तार की ज़रूरत पड़ेगी!
Step 3: तार का जो सिरा टंकी के अन्दर डालना है उसे तैयार कर लें
  • इस स्टेप को ध्यान से करें
  • सबसे पहले तार के एक सिरे ( लाल और काले भाग ) को छील लें
  • पुराने प्लग का ब्रास वाला पार्ट
    पुराने प्लग का ब्रास वाला पार्ट
    अब किसी पुराने प्लग का ब्रास वाला पार्ट दोनों तार के सिरों पर कस दीजिये, इससे तार को एक अच्छा conductor मिल जाता है और साथ ही वजन के कारण ये पानी में सीधा लटका रहता है
  • हमें ध्यान देना होता है कि लटकते समय लाल और काले तार आपस में टच न हों, नहीं तो बिना पानी भरे भी घंटी बजने लगेगी
  • दोनों तारों में गैप रखने  के लिए आप उनके बीच में एक लकड़ी या प्लास्टिक का टुकड़ा लगा कर धागे से बाँध सकते हैं, या कोई और जुगाड़ लगा सकते हैं
  • बाँधने के बाद दोनों तार एक साथ लटका के देख लें, वो एक ही लेवल पे होने चाहिए, ताकि जब पानी भरे तो दोनों को साथ ही टच करे
Step 4: छत पर चढ़ जाएं जहाँ टंकी लगी है
  • टंकी का ढक्कन हटाएं और जहाँ से पानी ओवरफ्लो होता है उसमे तार लपेट कर एक गाँठ दे दें और वहीँ से तार को टंकी में लटका दें
  • ध्यान रहे कि तार बहुत नीचे ना लटकाएं और न ही ओवरफ्लो वाली जगह से ऊपर लटकाएं
  • एक सही हाइट पर तार लटका कर ढक्कन बंद कर दें
  • आब आपको तार के दुसरे सिरे को उस जगह लेकर जाना है जहाँ घंटी का प्लग पॉवर स्विच में लगाया जायेगा, ऐसा करते समय तार ओ ईंट या किसी भारी चीज से जगह-जगह दबा दें ताकि बन्दर, बिल्ली इत्यादि जानवरों की वजह से तार हिले या टूटे नहीं
Step 5: तार के दुसरे सिरे को घंटी से निकले तार से जोडें
  • अब आप टंकी से जो तार लटकाते हुए ले आ रहे हैं उसके दोनों पार्ट्स (लाल और काले) को घंटी से निकले दोनों तारों से जोड़ दें और उसपर सावधानी से टेप लगा दें
  • बेहतर होगा कि आप घंटी को किसी ऊँची जगह पर रख दें या कहीं टांग दें
  • अब आप जब भी मोटर चलाएं घंटी का स्विच भी ऑन कर दें
  • जैसे ही पानी भरते-भरते टंकी में लटके काले और लाल तार को टच करेगा आपके रूम में रखी घंटी बजने लगेगी, जिस सुनते ही आप मोटर और घंटी का स्विच बंद कर सकते हैं और पानी एवं बिजली दोनों ही अमूल्य संसाधनों को बर्वाद होने से बचा सकते हैं

अब बात करते हैं इस तरीके को as a Business Idea treat करने की

जब मैंने अपने tenants से water overflow alarm लगवाने की बात की तो वे तुरंत तैयार हो गए। क्योंकि इसमें उनका भी फायदा था। वे पानी का अलग से कोई बिल नहीं देते पर बिजली का तो देते ही हैं और अलार्म लगने से बिजली की भी काफी बचत होती है इसलिए अगर इस काम के social aspect को छोड़ भी दिया जाए तो economically भी ये एक सही चुनाव है।
मतलब, लोगों को घंटी लगवाने के लिए convince करने में बहुत दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि कुछ ही महीने में घंटी लगवाने का खर्चा बिजली की बचत के रूप में निकल जाएगा।

अब देखते हैं इसमें cost कितनी आएगी:

थोक बाज़ार में घंटी का दाम : Rs. 100 —- Printed Rate Rs. 200 ( 6 months warranty)
तार : 2 रूपये मीटर———-Retail में Rs. 4 per metre
बाकी खर्चे ( टेप, लकड़ी या प्लास्टिक,ब्रास वाला पार्ट, etc) : 10 रुपये
अगर ये मान लें की on an average 25  मीटर तार भी लगता है तो तार पर आपका खर्च आएगा: 25×2= 50 रुपये
यानि कुल खर्च आएगा: 100+50+10= Rs. 160

Profit कितना होगा:

अगर आप customer से सामन की retail प्राइस भी लें तो आपको मिलेंगे : 200+100+10 = 310
                                                                                                                     +     लेबर चार्ज = 250
                                                                                                                                   Total=  Rs. 560
मान लीजिये आप एक घंटी लगाने का 500 रु भी लेते हैं तो एक घंटी खुद लगाने पर आपको फायदा होगा :
                                          =500 –  160
                                          =340
इसमें से कुछ और खर्चे निकाल दीजिये:
Transportation + Mobile+ Miscellaneous expense = say Rs. 40
तो भी एक घंटी लगाने पर कमाई होती है Rs. 300 की
Now suppose किसी वजह से आप खुद ये काम नहीं  करते और किसी लड़के को इसके लिए hire करते हैं। I think, इसके लिए आपको 5-6 हज़ार मंथली पे लड़का मिल जाएगा या आप चाहें तो हर एक घंटी लगाने पर कमीशन बेसिस पर भी लड़का रख सकते हैं.  फ़िलहाल मानते हैं कि हम 6 हज़ार की सैलरी पर किसी को रखते हैं।
अब एक हिसाब करते हैं:
महीने में हम 25 दिन काम करते हैं और रोज बस चार घंटियाँ लगाते हैं, तो महीने में कुल घंटियाँ लगीं : 100
एक घंटी पर 300 की कमाई के हिसाब से कमाई हुई =30,000 रुपये
सैलरी देनी पड़ी = 6000
Office expense= 0 ( क्योंकि ये काम आप आराम से घर से कर सकते हैं)
यानि शुद्ध मुनाफा हुआ = Rs. 24000 का
Wow, इतने मुनाफे वाला बिजनेस जिसे आप  1000 रुपये से भी कम में शुरू कर सकते हैं! Isn’t it exciting?
सोचिये, अगर आप मेहनत करते हैं तो इस काम को कितना अधिक expand कर सकते हैं। ऐसी लाखों टंकियां हैं जहाँ water overflow alarm नहीं लगा है, और सचमुच वहां इसे लगाने की ज़रूरत है। आप एक बन्दे के साथ शुरू करके धीरे-धीरे अपनी टीम बढ़ा सकते हैं और इस काम से हर महीने लाखों रुपये कमा सकते हैं।

इस काम में कोई challenge?

बिलकुल है!
सबसे बड़ा challenge आयेगा कि लोगों को पानी की बर्वादी रोकने के लिए sensitize करना और फिर अलार्म लगवाने के लिए convince करना। हो सकता है आप 10 लोगों के पास जाएं तो कोई 1 ही उसमे से तैयार हो…लेकिन ये निश्चित है कि अगर आप मेहनत करेंगे तो आप धीरे-धीरे एक बहुत बड़ा कस्टमर बेस बना लेंगे।
इसमें एक challenge ये भी आ सकता है कि लोग आपकी बात समझ घंटी लगाने को तैयार हो जाएं पर कहें कि हम खुद ही ये अलार्म लगा लेंगे। मुझे लगता है ऐसे लोगों को भी आपको device का demo देना चाहिए और गाइड करना चाहिए कि वे किस प्रकार खुद ही ये घंटी लगा सकते हैं। देखिये, अगर आप इस बिजनेस के social aspect को ध्यान में रखेंगे और सचमुच पानी की बर्वादी रोकने के लिए काम करेंगे तो आपको pure business करने से जितना लाभ मिलता उससे कहीं अधिक फायदा होगा! 
और ऐसे कस्टमर्स को भी आप competitive rate पर अपनी device और वायर बेच सकते हैं. साथ ही आप ऐसे लोगों का database बना सकते हैं ( नाम और mobile no. .),  I am sure, इनमे से ज्यादातर लोगों को जब आप कुछ दिन बाद कॉल करेंगे तो भी उनके यहाँ अलार्म नहीं लगा होगा और तब आपके पुश करने से वे अलार्म लगवा लेंगे। और जब एक आदमी लगवाएगा तो definitely उसके आस-पड़ोस के लोग भी आपसे अलार्म लगवाने के लिए तैयार हो सकते हैं। और आप अपने कस्टमर से एक-दो रिफरेन्स भी ले सकते हैं।
इस काम में आप फ्री सर्विस का ऑफर ना दें तो अच्छा रहेगा, नहीं तो आप बार-बार दौड़ते ही रह जायेंगे. आप बस 6 महीने की घंटी की वारंटी दे सकते हैं और कस्टमर से घंटी खराब होने पर आपके ऑफिस में छोड़ने के लिए कह सकते हैं।
दोस्तों, अगर आप इस काम को as a business करते हैं तो प्लीज at the back of your mind पानी बचाने को priority पर रखें, भले आपका प्रॉफिट कुछ कम हो जाए। और अगर आप इसे as a business नहीं भी देखते हैं तो भी कम से कम अपने घर की पानी की टंकी में अलार्म लगा या लगवा लें और अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को भी ऐसा करने के लिए कहें।
दोस्तों, अगर इंसान अपनी बेवकूफी से nature का balance बिगाड़ सकता है तो वो अपनी बुद्धिमानी से उसे फिर से ठीक भी कर सकता है। और अब समय आ गया है कि हम बुद्धिमानी दिखाएं और ज़िन्दगी देने वाले जल को बर्वाद होने से रोकें।
So, let’s save water…let’s save Earth.
Thank You!

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पानी कैसे बचाएं? (Pani Kaise Bachaye) अगर आपके पास इस बारे में कोई innovative idea हो तो ज़रूर बताएं! और इसे बिजनेस के तौर पर आप कैसे देखते हैं, इस पर भी अपने thoughts share करें.
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